इस कैंपेन में 500 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया है। वहीं फूड बिजनेस ऑपरेटरों को लाइसेंस लेने में सुविधा हो, इसके लिए अभी तक 6 FSSAI लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन कैंप लगाए जा चुके हैं। मोबाइल फैसिलिटेशन सेंटर के जरिए विभिन्न जिलों में यह कैंप लगाए जा रहे हैं। इनका मकसद यही है कि लोग लाइसेंस लेकर या रजिस्ट्रेशन करवा कर बिजनेस करें। छोटे कारोबारियों को रजिस्ट्रेशन और बड़े कारोबारियों को लाइसेंस लेने का नियम है।
लोगों के लिए सुझाव
➤अधिक रंगीन दिखने वाली मिठाइयां न खरीदें
➤चांदी के वर्क लगी मिठाइयों को खरीदने से बचें, खासतौर पर तब जब चांदी के वर्क का रंग हलका पीला या भूरा दिखाई दे
➤लोग खाने पीने की चीजें उन्हीं से लें जिनके पास FSSAI लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन हो
➤यदि कोई व्यक्ति बिना साफ ग्लब्स पहने मिठाइयां बेच रहा है तो वहां से हरगिज खरीदारी न करें
➤पैकेट बंद खाने पीने की चीज खरीदने से पहले एक्सपायरी डेट या यूज बाई डेट चेक कर लें
➤यदि बाजार में तला भूना खा रहे हैं तो यह देखें कि जिस तेल में वह तला जा रहा है वह गहरा भूरा या काला तो नहीं है
➤लोगों की सहूलियत के लिए FSSAI ने मिलावट का पता लगाने वाले आसान टेस्ट की बुक रीलिज की है। DART नाम की यह बुक फ्री में https://fssai.gov.in/ से डाउनलोड की जा सकती है
मिलावट का पता कैसे लगाएं
-दूध में डिटर्जेंट्स की मिलावट का पता लगाने के लिए 5 से 10 एमएल दूध लें। उसमें उतना ही पानी मिलाएं। अच्छे से मिलाने पर यदि गहरा झाग दिखता है तो दूध मिलावटी है
-दूध से बनी चीजों में स्ट्रार्च का पता लगाने के लिए 2 से 3 एमएल दूध में 5 एमएल पानी मिलाकर उबालें। इसे ठंडा करें और अब इसमें दो से तीन बूंद टींचर आयोडिन डालें। यदि रंग नीला हो रहा है जो इसमें स्टार्च मिला हुआ है। घी में आलू की मिलावट भी इसी तरह से पता लगाई जा सकती है
-नारियल के तेल में मिलावट का पता लगाने के लिए एक पारदर्शी ग्लास में तेल लें। उसे आधे घंटे तक फ्रीज (फ्रिजर नहीं) में रख दें। मिलावट होने पर इसमें लेयर दिखाई देंगी।
-तेल में ट्राई-आर्थो-फास्फेट का पता लगाने के लिए दो एमएल तेल लें। इसमें थोडा सा येलो बटर (जमा हुआ) मिलाएं। यदि लाल रंग दिखता है तो इसमें फास्फेट की मिलावट है।
-शहर में चीनी की मिलावट का पता दो तरह से लगाया जा सकता है। एक पानी के ग्लास में शहद की कुछ बूंदें डालें। प्योर होने पर वह फैलेगा नहीं। वहीं दूसरा तरीका यह है कि शहद में एक रूई का टुकड़ा डूबोएं। इस रूई को माचिस से जलाएं। प्योर होने पर वह आसानी से जल जाएगी। मिलावटी होने पर वह या तो जलेगी नहीं या क्रेकिंग जैसी आवाज आएगी।
-चांदी के वर्क में मिलावट का पता लगाने के लिए उसे दो अंगुलियों के बीच रखकर मसलें। असली चांदी का वर्क पाउडर बन जाएगा वहीं एलुमिनियम की मिलावट होने पर वह सिर्फ टुकड़े होगा। इसके अलावा वर्क की बॉल बना लें। इसमें आग लगाएं। सिल्वर की बॉल आसानी से जल जाएगी और सिकुड़कर छोटी सी रह जाएगी। वहीं एलुमिनियम की मिलावट होने पर यह ग्रे राख बन जाएगी।
कहां करें शिकायत
टोल फ्री नंबर - 1800-11-3921
लोगों के लिए सुझाव
➤अधिक रंगीन दिखने वाली मिठाइयां न खरीदें
➤चांदी के वर्क लगी मिठाइयों को खरीदने से बचें, खासतौर पर तब जब चांदी के वर्क का रंग हलका पीला या भूरा दिखाई दे
➤लोग खाने पीने की चीजें उन्हीं से लें जिनके पास FSSAI लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन हो
➤यदि कोई व्यक्ति बिना साफ ग्लब्स पहने मिठाइयां बेच रहा है तो वहां से हरगिज खरीदारी न करें
➤पैकेट बंद खाने पीने की चीज खरीदने से पहले एक्सपायरी डेट या यूज बाई डेट चेक कर लें
➤यदि बाजार में तला भूना खा रहे हैं तो यह देखें कि जिस तेल में वह तला जा रहा है वह गहरा भूरा या काला तो नहीं है
➤लोगों की सहूलियत के लिए FSSAI ने मिलावट का पता लगाने वाले आसान टेस्ट की बुक रीलिज की है। DART नाम की यह बुक फ्री में https://fssai.gov.in/ से डाउनलोड की जा सकती है
मिलावट का पता कैसे लगाएं
-दूध में डिटर्जेंट्स की मिलावट का पता लगाने के लिए 5 से 10 एमएल दूध लें। उसमें उतना ही पानी मिलाएं। अच्छे से मिलाने पर यदि गहरा झाग दिखता है तो दूध मिलावटी है
-दूध से बनी चीजों में स्ट्रार्च का पता लगाने के लिए 2 से 3 एमएल दूध में 5 एमएल पानी मिलाकर उबालें। इसे ठंडा करें और अब इसमें दो से तीन बूंद टींचर आयोडिन डालें। यदि रंग नीला हो रहा है जो इसमें स्टार्च मिला हुआ है। घी में आलू की मिलावट भी इसी तरह से पता लगाई जा सकती है
-नारियल के तेल में मिलावट का पता लगाने के लिए एक पारदर्शी ग्लास में तेल लें। उसे आधे घंटे तक फ्रीज (फ्रिजर नहीं) में रख दें। मिलावट होने पर इसमें लेयर दिखाई देंगी।
-तेल में ट्राई-आर्थो-फास्फेट का पता लगाने के लिए दो एमएल तेल लें। इसमें थोडा सा येलो बटर (जमा हुआ) मिलाएं। यदि लाल रंग दिखता है तो इसमें फास्फेट की मिलावट है।
-शहर में चीनी की मिलावट का पता दो तरह से लगाया जा सकता है। एक पानी के ग्लास में शहद की कुछ बूंदें डालें। प्योर होने पर वह फैलेगा नहीं। वहीं दूसरा तरीका यह है कि शहद में एक रूई का टुकड़ा डूबोएं। इस रूई को माचिस से जलाएं। प्योर होने पर वह आसानी से जल जाएगी। मिलावटी होने पर वह या तो जलेगी नहीं या क्रेकिंग जैसी आवाज आएगी।
-चांदी के वर्क में मिलावट का पता लगाने के लिए उसे दो अंगुलियों के बीच रखकर मसलें। असली चांदी का वर्क पाउडर बन जाएगा वहीं एलुमिनियम की मिलावट होने पर वह सिर्फ टुकड़े होगा। इसके अलावा वर्क की बॉल बना लें। इसमें आग लगाएं। सिल्वर की बॉल आसानी से जल जाएगी और सिकुड़कर छोटी सी रह जाएगी। वहीं एलुमिनियम की मिलावट होने पर यह ग्रे राख बन जाएगी।
कहां करें शिकायत
टोल फ्री नंबर - 1800-11-3921