भोपाल । राज्य उपभोक्ता आयोग ने एक व्यापारी को किसान को ढाई लाख लौटाने का फैसला सुनाया है। एक व्यापारी ने किसान सें केले के उत्पाद बनाने वाली फैक्ट्री शुरू करने नाम पर रुपए लिए थे, लेकिन व्यापारी ने लंबा समय बीतने पर भी किसान के रुपए वापस नहीं किए। इसके बाद यह मामला राज्य उपभोक्ता आयोग के समक्ष आया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, किसान गजानंद महाजन ने बुरहानपुर के एक व्यापारी राजेश कपाड़िया को 2012 में पौने दो लाख रुपये की राशि दी थी। व्यापारी ने केले के उत्पाद बनाने वाली फैक्ट्री शुरू करने के लिए कई लोगों से रुपये लिए थे। बाद में तय समय पूरा होने पर जब किसान ने व्यापारी से रुपयों की मांग की, लेकिन उसने नहीं दिए। किसान ने कई जगहों पर शिकायत भी की, लेकिन उसे न्याय नहीं मिला।
किसान ने कमीश्नर और कलेक्ट्रेट कार्यालय में भी शिकायत की थी, जहां से उसके पक्ष में निर्णय सुनाया गया, लेकिन फिर भी व्यापारी को रुपये नहीं मिले। इसके बाद किसान ने 2013 में राज्य उपभोक्ता आयोग में याचिका लगाई। आयोग के अध्यक्ष शांतनु एस केमकर, सदस्य मोनिका मलिक ने निर्णय सुनाया और व्यापारी को हर्जाना देने का आदेश दिया।
आयोग ने कहा कि व्यापारी को मूलधन पौने दो लाख रुपये तो देने ही होंगे। साथ ही मूलधन पर दो साल में लगा ब्याज भी देना होगा। इसके अलावा मानसिक क्षतिपूर्ति और वाद व्यय की राशि भी देनी होगी। व्यापारी राजेश कपाड़िया ने तर्क रखा कि उसका व्यापार पूरी तरह ठप हो गया। उसे मुनाफा नहीं हुआ। इस कारण वह किसान को रुपये नहीं लौटा पाया।
व्यापारी ने केले के उत्पाद बनाने वाली फैक्ट्री श्रीकृष्णा केरला ग्रुप के नाम शुरू की। इस कंपनी में पैसा लगाने के लिए उसने केले का उत्पादन करने वाले किसानों को मुनाफा सहित राशि लौटाने का लालच देकर राशि जमा की थी। इसके लिए व्यापारी ने कई किसानों से पैसे लिए, लेकिन किसी को भी रुपये नहीं लौटाये। किसानों ने कई जगहों पर इसकी शिकायत की, लेकिन फिर भी व्यापारी ने पैसे नहीं लौटाए।
आयोग ने व्यापारी के तर्क को खारिज करते हुए 2 लाख 61 हजार रुपये देने का आदेश दिया।आयोग ने कहा कि व्यापारी को मूलधन पौने दो लाख रुपये तो देने ही होंगे। साथ ही मूलधन पर दो साल में लगा ब्याज भी देना होगा। इसके अलावा मानसिक क्षतिपूर्ति और वाद व्यय की राशि भी देनी होगी।