नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट दिल्ली प्रदूषण से संबंधित याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करेगा। दिल्ली में रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की 'समीर ऐप' के अनुसार, एक्यूआई सुबह 9 बजे 429 दर्ज किया गया। शनिवार को शाम 4 बजे 24 घंटे का औसत एक्यूआई 417 दर्ज किया गया था। दिल्ली की जहरीली हवाओं में दिल्लीवालों का दम घुट रहा है। लोगों की आंखों में जलन हो रही है। सांस लेना दूभर हो गया है।सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर 18 नवंबर के लिए जारी सूची के अनुसार, न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ इस याचिका पर सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट 14 नवंबर को इस याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर राजी हो गया था। कोर्ट से अनुरोध किया गया था कि दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर न बन जाए इसलिए याचिका को तत्काल सूचीबद्ध किया जाए।
तत्काल सुनवाई का अनुरोध
वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह, जिन्हें इस मामले में न्यायमित्र नियुक्त किया गया है, ने पीठ से दिल्ली में मौजूदा स्थिति को देखते हुए तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था। सिंह ने पीठ से कहा था कि उन्होंने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को इस बारे में सूचित कर दिया है और उसे यह बताना चाहिए कि क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
पल्यूशन पर सख्त है सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने 11 नवंबर को दिवाली पर पटाखे जलाने पर प्रतिबंध के उसके आदेश के उल्लंघन पर गंभीर संज्ञान लिया था और कहा था कि कोई भी धर्म प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों को प्रोत्साहित नहीं करता। न्यायालय ने कहा था कि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत हर नागरिक का मौलिक अधिकार है।सुप्रीम कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है।