किसानों को रबी मौसम में धान के अलावा अन्य फसल लेने किया जा रहा जागरूक

Updated on 23-11-2024 01:51 PM

गरियाबंद ।  जिलें में ग्रीष्मकालीन धान के स्थान पर दलहन, तिलहन, लघुधान्य, मक्का एवं उद्यानिकी फसलों के उत्पादन हेतु कृषि व उद्यानिकी विभाग द्वारा कृषक समृद्धि चौपालों का आयोजन कर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। चौपालों के आयोजन से कृषकों में व्यापक जागरूगता आई है एवं दलहन तिलहन उत्पादन की ओर किसानों का रूझान बढ़ा है। किसानों को फसल विविधीकरण के महत्व को बताया जा रहा है।

इसके अंतर्गत गर्मी के मौसम में पानी की कमी होने के कारण धान के अलावा अन्य दलहन-तिलहन लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। किसानों को धान की खेती से ज्यादा मुनाफे वाले दलहन-तिलहन एवं ग्रीष्मकालीन अन्य फसलों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। कृषि विभाग द्वारा किसानों से यह अपील भी की जा रही है कि भू-जल की स्थिति को ध्यान में रखते हुए धान के बदले कम पानी लागत वाले फसलों की खेती की जाए।

कृषक चौपाल में किसानों को बताया जा रहा है कि खरीफ धान के पश्चात् पुनः रबी धान की खेती से मृदा उर्वरता का ह्रास होता है, कीट-व्याधि की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जाती है। फलस्वरूप साल दर साल कीटनाषी की उपयोग की जाने वाली मात्रा लगातार बढ़ती जा रही है, जो मानव सहित सभी जीवो के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो रहा है। साथ ही पर्यावरण को भी दूषित कर रहा है। कृषकों द्वारा ग्रीष्मकालीन धान के उत्पादन सें अन्य फसलों के मुकाबले 5 से 10 गुना अधिक जल का अपव्यय होता है एवं उन्हे मात्र 15-20 हजार रूपये ही़ शुद्ध लाभ प्रति एकड़ प्राप्त हो पाता है।

जबकि कृषकगण खरीफ धान के बाद रबी में चना, सरसों, गेहूं, तत्पष्चात् जायद में उड़द, मूंग का उत्पादन कर प्रति एकड़ 50-60 हजार से अधिक शुद्ध लाभ प्राप्त कर सकते है। इससे मृदा की उर्वरता में वृद्धि होती है व जल भी बहुत कम उपयोग होता है। कृषको द्वारा ग्रीष्म धान के स्थान पर उद्यानिकी फसलें जैसे- फल, फूल, सब्जी इत्यादि की खेती से प्रति एकड़ लाखों में लाभ प्राप्त किया जा सकता है। कृषक अपने खेतों में बहुस्तरीय कृषि पद्धति अपनाकर एक ही खेत में एक समय में 3 से 4 या ज्यादा फसल जैसे- अदरक, हल्दी, आलु, मक्का, सरसों, पपीता, केला, कालीमिर्च इत्यादि की फसल लेकर अधिक मुनाफा कमा सकते है। उप संचालक कृषि ने बताया की ऐसे ग्राम जो ग्रीष्मकालीन धान को पूर्णतः अन्य फसलों से स्वप्रेरणा से प्रतिस्थापित करेंगे उन्हे जिला स्तर पर सम्मानित किया जायेगा। किसान जो ग्रीष्मकालीन धान के स्थान पर गेहूॅ, मक्का, रागी, चना, सरसों, अलसी, मसुर, मटर, उड़द, मूंगफली जैसी फसलें लेना चाहते है वे अपने नजदीकी कृषि कार्यालय व क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि, उद्यान विस्तार अधिकारी एवं अपने ग्राम के किसान मित्र से यथा शीघ्र सम्पर्क कर नगद व अनुदान पर बीज प्राप्त कर सकते है।



अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 23 November 2024
रायपुर। कांकेर जिले के पखांजूर क्षेत्र के किसानों को परलकोट जलाशय से अब भरपूर पानी मिलेगा। जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने इस जलाशय के संधारण कार्य का भूमिपूजन किया। यह…
 23 November 2024
रायपुर । राजधानी के डूमरतराई थोक बाजार में सोया और राइसब्रान जैसे तेलों की कीमत 135 रुपए हो गई है, वहीं रायपुर शहर के छोटे थोक कारोबारी इसको 140 रुपए में…
 23 November 2024
गरियाबंद ।  जिलें में ग्रीष्मकालीन धान के स्थान पर दलहन, तिलहन, लघुधान्य, मक्का एवं उद्यानिकी फसलों के उत्पादन हेतु कृषि व उद्यानिकी विभाग द्वारा कृषक समृद्धि चौपालों का आयोजन कर व्यापक…
 23 November 2024
रायपुर। कवर्धा के समीप घोटिया रोड पर स्थित 50 एकड़ में बनकर तैयार संत कबीर कृषि महाविद्यालय अनुसंधान केंद्र भवन का उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने…
 23 November 2024
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय दादाबाड़ी में आयोजित भगवती दीक्षा और मोक्ष माला कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने दादाबाड़ी में भगवान ऋषभदेव की आरती कर प्रदेश की जनता की सुख-समृद्धि और उन्नति…
 23 November 2024
बीजापुर। बीजापुर के मिनी स्टैडियम में आयोजित बस्तर ओलंपिक के ब्लॉक स्तरीय प्रतियोगिता एंव भैरमगढ़ के ब्लॉक स्तरीय प्रतियोगिता का सफलतापूर्वक आयोजन के बाद गुरूवार 21 नवम्बर को भव्य समापन हुआ।बस्तर…
 23 November 2024
रायपुर। हर रेखा में छिपा है एक संदेश, सिंगार सिर्फ रूप नहीं यह आत्मविश्वास का प्रतिवेश है। आत्मविश्वास से परिपूर्ण और अनेक बच्चों और युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत का कार्य कर…
 23 November 2024
बीजापुर। कलेक्टर  संबित मिश्रा के मार्गदर्शन एवं निर्देशानुसार जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र एवं बौद्धिक मंद बालक विशेष विद्यालय बीजापुर में आयुष अधिकारी जिला बीजापुर एवं उनके टीम के द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण…
 23 November 2024
राजनांदगांव।  अभी तक आपने हरे रंग की शिमला मिर्च का जायका लिया है और जिक्र सुना है, लेकिन अब आप लाल एवं पीले रंग के शिमला मिर्च का भी स्वाद ले…
Advt.