बिलासपुर । हड़ताल के कारण सिम्स व जिला अस्पताल में सन्नाटा देखकर लौटते गए मरीज । कर्मचारियों के हड़ताल पर जाते ही सिम्स और जिला अस्पताल बीमार पड़ गए हैं। यहां आने वाले मरीजों को बगैर इलाज के लौटना पड़ रहा है। गुरुवार से फिर दोनों अस्पतालों की व्यवस्था सुधरने की उम्मीद है। मंगलवार को रोज की तुलना में सिम्स में कम संख्या में मरीज इलाज के लिए पहुंचे। डॉक्टर, इंटर्न और मेडिकल छात्र तो मिले. लेकिन जांच करने वाला कोई नहीं मिला। खमतराई के 46 साल के रामनारायण ने सिम्स के डॉ. दीपक जागड़े को दिखाया।
उनके पैर में दिक्कत है। डॉक्टर ने उन्हें एक्सरे करवाने के लिए लिखा। वे एक्सरे करवाने नीचे गए, लेकिन एक्सरे कक्ष में ताला लटका देख वापस आए। कर्मचारियों की हड़ताल के कारण मंगलवार को सिम्स का कैजुअल्टी वार्ड पूरी तरह खाली पड़ा रहा। बिना इलाज लौटते हुए मरीज अब वापस घर जा रहे हैं। वहीं पास में ब्लड जांच कक्ष है। वहां मोपका के 38 वर्षीय प्रभु सिंह खड़े थे।
पूछने पर उन्होंने बताया कि डॉक्टर ने उन्हें सीबीसी टेस्ट कराने के लिए लिखा है। पच तो कटवा ली, लेकिन जांच करने वाला कोई नहीं है चांटीडीह की 34 वर्षीय मानता करको आई थीं। सोनोग्राफी कक्ष में ताला लगा देखकर वे वापस लौट रही थीं। पूछने पर मानता बोली कि यहां चारों तरफ सन्नाटा है। इलाज करने वाला कोई नहीं है। बिना इलाज के ही लौट रहे हैं। पिछले दो दिन में 50 से ज्यादा मरीज लामा हो चुके हैं। सिम्स प्रबंधन के हिसाब से ये मरीज खुद से सिम्स छोड़कर चले गए। लेकिन हकीकत में ये मरीज इलाज न मिलने से दुखी होकर यहां से गए हैं। सबसे गंभीर बात यह है कि सिम्स के कैजुअल्टी वार्ड में एक भी मरीज नतीं नहीं था। ऐसा पहली बार देखने को मिला। इस वार्ड में हमेशा 5 से ज्यादा मरीज भर्ती रहते हैं लेकिन हड़ताल के कारण पूरा वार्ड खाली पड़ा है।
दो दिन में केवल 989 मरीज पहुंचे
पिछले दो दिन में सिम्स में 989 मरीज इलाज सिम्स के रिकॉर्ड के अनुसार यहां यूरीन, ब्लड, के लिए पहुंचे। डॉक्टर को दिखाया लेकिन जांच किसी की नहीं हुई। जबकि पिछले मंगलवार को 1115 मरीज ओपीडी में आए थे। वहीं सोमवार को 1389 लोगों ने डॉक्टरों को दिखाया था और जांच भी सभी की हुई थी। आंकड़ों के हिसाब से मरीजों की संख्या से कम हो गई है। वर्तमान में, 240 मरीज 29 वार्डों में भर्ती हैं।
मांगें पूरी नहीं हुई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
नेहरू चौक पर सिम्स के 450 कर्मचारियों सहित जिले के 960 कर्मचारियों की हड़ताल चलती रही। हड़ताल के अंतिम दिन यानी बुधवार को कर्मचारी नेहरू चौक से कलेक्टोरेट तक सुबह 11 बजे रैली निकालेंगे, ताकि शासन और प्रशासन का ध्यान उनकी ओर जाए और मांग पूरी हों। छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष अमरू साहू का कहना है कि अभी हमने तीन दिन की हड़ताल की है, लेकिन अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।
इमरजेंसी में सिर्फ 20 टेस्ट हो पाए
ज्यादा तरह की जांच कराने रोज 800 से ज्यादा लोग आते हैं। लेकिन मंगलवार को सिर्फ भर्ती स्टीटर 12 बजे के बाद सिम्ल की मरीजों की जांच किसी तरह हो पाई, यानी 20। 105 नांसँग सिस्टर ने मेन गेट के लोगों की इमरजेंसी में जांच करवाई गई। वहीं सामने नारेबाजी करते हुए आंदोलन रोज 30 से 35 सीटी स्कैन, 10 एमआरआई, किया। एक सिस्टर के कंधों पर तीन 55 सोनोग्राफी और 175 एक्सरे होते हैं। लोगों का बोझ डाल दिया गया है। नर्सिंग स्टाफ की भर्ती हो और हमारे कंधों से बोझ कम किया जाए। नर्सिंग सिस्टर और स्टाफ नर्स मिलाकर वर्तमान में 175 कर्मचारी हैं। जबकि सिम्स में बेड की संख्या 900 हो गई है। इस हिसाब से 200 से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ की जरूरत है।