बिलासपुर । जीवनदीप सहित जिले के 960 स्वास्थ्य कर्मचारियों ने डीए, एचआरए वेतन विसंगति, कलेक्टर दर, नियमितीकरण सहित 28 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी। नेहरू चौक पर सुबह 10.30 बजे से कर्मचारियों की नारेबाजी शुरू हुई जो शाम तक चलती रही। हड़ताल के कारण सिम्स, जिला अस्पताल सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को इलाज के लिए परेशान होना पड़ा।
सोनोग्राफी, सीटी स्कैन, एमआरआई, एक्सरे हुए ही नहीं बिसरा, थायराइड, ब्लड और यूरीन जांच तक मरीजों की नहीं हो पाई। इमरजेंसी में कुछ मरीजों जांच किसी तरह प्रबंधन करा पाया। इधर जिला अस्पताल में उधार के कर्मचारी बुलाए गए थे तब जाकर किसी तरह कुछ जांच हो पाई।
रोज की तरह लोगों को इलाज नहीं मिल पाया। अगले दो दिन इसी तरह सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। सिम्स अधीक्षक डॉ. नीरज शेंडे का कहना है कि किसी तरह एक दिन गुजर पाया, अब अगले दो दिन भी इमरजेंसी इलाज ही हो पाएगा।
इन जांचों के लिए मरीज हुए परेशान हड़ताल के कारण सिम्स में सोनोग्राफी, एक्सरे सहित पैथोलॉजी, हिमेटोलॉजी, एनाटोमी, बायोकेमेस्ट्री, सभी कार्यालय चिकित्सालय व चिकित्सा महाविद्यालय के स्थापना स्टोर सेंट्रल लैब, ब्लड बैंक, ऑर्थो ओटी, सर्जरी ओटी, पोस्टमार्टम, बिसरा जांच, कैंसर जनित रोगों का जांच सहित तमाम ऑपरेशन बाधित हुए। सिर्फ इमरजेंसी इलाज चालू रहा। और ओपीडी में डॉक्टरों ने मरीजों को देखा।
ऑक्सीजन प्लांट के लिए हड़ताल से भेजे कर्मचारी
स्टाफ नर्स, कंप्यूटर ऑपरेटर, स्टोर कीपर, टेक्नीशियन, इलेक्ट्रिशियन वार्ड-ब्वॉय, धोबी, स्वीपर, सफाई कर्मचारी, वार्ड" आया, लिफ्ट ऑपरेटर सहित पोस्टमार्टम करने वाले कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इधर अस्पतालों में मरीजों को हुई परेशानी को देखते हुए प्रबंधन की मांग पर स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने ऑक्सीजन प्लांट और सिम्स में पानी की व्यवस्था के लिए कुछ कर्मचारियों को भेज दिया ताकि मरीजों को तकलीफों का सामना न करना पड़े। कर्मचारियों के कारण ऑक्सीजन प्लांट और पानी की सप्लाई सिम्स में हो पाई।
नर्सिंग स्टाफ ने भर्ती को लेकर शुरू कर दी हड़ताल
इधर नर्सिंग स्टाफ ने भी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। सिम्स परिसर में इनका आंदोलन चलता रहा। नर्सिंग स्टाफ की मांग है कि जल्द से जल्द सिम्स में और नसों की भर्ती की जाए। क्योंकि वार्ड में नसों के नहीं होने से मरीजों को परेशानी होती है। वे अस्पताल छोड़ निजी अस्पतालों की ओर जाते हैं। नसों की कमी के कारण यहां की नर्सिंग स्टाफ को आए दिन दो-दो वार्डों को देखना पड़ रहा है, जिसकी वजह से कई बार मरीजों की सही देखभाल नहीं हो पाती है, लगातार ड्यूटी करने से नसों की सेहत भी बिगड़ रही है।
सिम्स के 450 सहित अन्य कर्मचारी हड़ताल पर रहे
महंगाई भत्ता को एरियर सहित देने, गृह-भाड़ा भत्ता का सातवें वेतनमान के आधार पर पुनरीक्षण सहित अन्य मांगों को लेकर जिला अस्पताल के 65, सिम्स के 450 तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी, टेक्निशियन, 110 से अधिक नर्स, तखतपुर ब्लॉक के 135, मस्तूरी के 82, बिल्हा के 134 और कोटा के 95 स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर हैं। अब 12 और 13 अप्रैल को भी स्ट्राइक चलेगी और अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी इलाज लोगों को मिलेगा।