कोरबा कोरबा जिलान्तर्गत एसईसीएल कुसमुंडा खदान से प्रभावित विभिन्न गांवों के 125 भू-विस्थापितों के रोजगार संबंधी प्रकरण कंपनी में लंबित है। नौकरी की मांग को लेकर धरना देने के साथ एसईसीएल बिलासपुर मुख्यालय से अफसरों के दौरे पर आने पर अपनी समस्या बता चुके हैं।
खदान बंदी करने पर एसईसीएल प्रबंधन से आश्वासन भी मिला है। लेकिन अभी तक 125 में से किसी भी एक व्यक्ति की फाइल मुख्यालय नहीं भेजी गयी है। इससे भू-विस्थापितों में आक्रोश व्याप्त है। इसी कारण से 20 अप्रैल को एक बार फिर खदान बंद कराने भू-विस्थापितों ने निर्णय लिया है।
एसईसीएल कुसमुंडा खदान से प्रभावित जटराज, खम्हरिया, दुल्लापुर समेत अन्य गांवों के 125 भू-विस्थापितों के रोजगार के प्रकरण लंबित है। इनकी जमीन 15 से 20 साल पहले अधिग्रहित की गई थी, जिस पर किसी को भी नौकरी नहीं मिलने से इन भू-विस्थापितों ने नामांकन भरा है। लेकिन अब तक कंपनी की ओर से इन खातेदारों को रोजगार नहीं दिया है। इससे भू-विस्थापितों में आक्रोश व्याप्त है।
रोजगार एकता संघ के बैनर तले आंदोलन कर रहे हैं। संघ के अध्यक्ष राधेश्याम कश्यप ने बताया कि पूर्व में हुए आंदोलन के बाद फाइल भेजने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन किसी भी एक की फाईल मुख्यालय नहीं भेजी गई है। 20 अप्रैल को रात 10 बजे से खदान बंद व उत्पादन ठप्प करेंगे।
इन दिनों तेज धूप पड़ रही है। पिछली बार खदान बंदी के आंदोलन के समय भविस्थापितों की तबियत खराब हो गई थी। भीषण गर्मी को देखते हुए रात में खदान बंदी का आंदोलन का निर्णय लिया गया है।