भोपाल । मप्र में अब सहकारी समितियां कारपेंटर, प्लंबर सहित अन्य सेवाएं उपलब्ध कराएंगी। प्रदेश के बड़े शहरों में एक से अधिक और जिला मुख्यालय पर कम से कम एक समिति होगी। इनमें निजी तौर पर कारपेंटर, प्लंबर सहित अन्य सेवाएं देने वालों को जोड़ा जाएगा। सहकारिता क्षेत्र को विस्तार देने के लिए अब सेवा प्रदाता समितियों का गठन किया जाएगा। प्रदेश में यह नवाचार इसलिए किया जा रहा है ताकि उपभोक्ताओं को एक जगह से सारी सेवाएं मिल जाएं और जवाबदेही भी तय हो।
अभी उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी की शिकायतें आती हैं। सेवा शुल्क का निर्धारण भी राज्य स्तर से किया जाएगा। समितियों के गठन के लिए सहकारिता विभाग ने मंगलवार को वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई है। कौशल उन्न्यन के लिए कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है तो लोक सेवा प्रबंधन विभाग निश्चित समय सीमा में सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए लोक सेवा गारंटी कानून के तहत प्रविधान कर रहा है।इसी कड़ी में सहकारिता विभाग ने अब तय किया है कि उपभोक्ताओं को वे सभी सेवाएं जो निजी तौर पर उपलब्ध होती हैं, उन्हें सहकारी समितियों के माध्यम से देंगे।
इसके लिए सेवा प्रदाता सहकारी समितियां गठित की जाएंगी। समितियों से कारपेंटर, प्लंबर सहित उन सभी को जोड़ा जाएगा, जो निजी तौर पर सेवाएं उपलब्ध कराते हैं। इनके फोन नंबर समिति के पास होंगे। समिति अपना एक नंबर सार्वजनिक करेगी और इस पर जब किसी सेवा के लिए संपर्क साधा जाएगा तो उस क्षेत्र के संबंधित सेवा प्रदाता को अवगत करा दिया जाएगा। सेवा के बदले में लिया जाना वाला शुल्क राज्य स्तर से निर्धारित होगा।विभाग के संयुक्त पंजीयक अरविंद सिंह सेंगर का कहना है कि शहरों का तेजी से विस्तार होता जा रहा है। निजी तौर पर कई कालोनियां बन गई हैं और निर्माण भी होता जा रहा है।
रहवासियों को आए दिन नल, बिजली, दरवाजा, खिड़की की मरम्मत कराने के लिए प्रशिक्षित व्यक्तियों की जरूरत होती है।अभी निजी तौर पर ये सेवा मिलती है पर इसके लिए इंतजार करना पड़ता है। जो शुल्क लिया जाता है वो भी मनमाना होता है। कई बार राशि लेकर काम नहीं करने की शिकायत मिलती है पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है क्योंकि इसकी कोई निर्धारित व्यवस्था नहीं है। इसके मद्देनजर तय किया है कि राज्य स्तर पर सेवा प्रदाता महासंघ बनाया जाएगा।