दिल्ली 5 दिन बाद शुक्रवार शाम को फिर गैस चैंबर में तब्दील हो गई। शनिवार सुबह 6 बजे भी दिल्ली के 9 इलाकों में प्रदूषण गंभीर कैटेगिरी में रिकॉर्ड किया गया। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक, दिल्ली के वजीरपुर में हवा सबसे ज्यादा जहरीली है। यहां का AQI 467 दर्ज किया गया। वहीं, दिल्ली का औसत AQI 419 रिकॉर्ड किया गया। बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को GRAP-4 के प्रतिबंध सख्ती से लागू कराने के लिए पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि चीफ सेकेटरी को पर्सनल लेवल पर मॉनिटरिंग करनी चाहिए।
पत्र में उन्होंने लिखा- दिल्ली के सभी विभागों को GRAP-4 को लेकर रोज रिपोर्ट जारी करनी चाहिए। इससे उन इलाकों की पहचान करने में मदद मिलेगी, जहां ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
गोपाल राय एंट्री पॉइंट पहुंचे, GRAP-4 प्रतिबंध का निरीक्षण किया
उधर, ट्रकों की एंट्री रोक न पाने पर दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फटकार लगाई थी। इसके बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय शुक्रवार देर रात सिंघु बॉर्डर पहुंचे और ट्रकों को रोका जा रहा है या नहीं, इसकी जांच की। गोपाल राय ने बताया कि हर दिन 135 से 165 ट्रक नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें दिल्ली में एंट्री करने से रोका जा रहा है।
गोपाल राय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, 'आज देर रात, नरेला/सिंघु बॉर्डर पर पहुंचकर GRAP-4 के क्रियान्वयन की जांच की। हमें शिकायतें मिली थीं कि बगैर अनुमति के कुछ वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने दिया जा रहा है। इसी शिकायत के बाद हम स्थिति का निरीक्षण करने आए हैं।'
केंद्र सरकार पराली जलाने वाले इलाकों के आकलन के लिए प्रोटोकॉल बनाएगी
उधर, प्रदूषण को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें केंद्र सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलीसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि केंद्र सरकार पराली जलाने के बाद जले क्षेत्रों के आकलन के लिए प्रोटोकॉल बना रही है। इसमें एक्सपर्ट्स की मदद ली जा रही है। हरियाणा और पंजाब भी समिति में होंगे।
उन्होंने भारत में पराली जलाने के मामले में विदेशी सैटेलाइट डेटा पर आपत्ति जताई। कहा- इसरो के मुताबिक विदेशी उपग्रह का डेटा भारत में मान्य नहीं है। इस पर कोर्ट ने कहा कि सरकार को सटीक डेटा देने वाली मशीनरी विकसित करनी होगी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड बोला- क्लाउड सीडिंग दिल्ली में कारगर नहीं
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने कहा है कि उत्तर भारत के प्रदूषण पर काबू पाने के इमरजेंसी उपाय के तौर पर कृत्रिम बारिश यानी क्लाउड सीडिंग कारगर नहीं होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि क्लाउड सीडिंग के लिए हवा में पर्याप्त नमी नहीं है। इसके अलावा क्लाउड सीडिंग के लिए पहले से मौजूद बादलों पर निर्भरता होती है।
IIT कानपुर ने CPCB को दिल्ली के प्रदूषण पर काबू पाने के लिए क्लाउड सीडिंग कराने का प्रस्ताव दिया था। इसका खुलासा एक RTI एक्टिविस्ट अमित गुप्ता की इंक्वायरी में हुआ है।
AQI 400 के पार पहुंचने पर GRAP लगाया जाता है
हवा के प्रदूषण स्तर की जांच करने के लिए इसे 4 कैटेगरी में बांटा गया है। हर स्तर के लिए पैमाने और उपाय तय हैं। इसे ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) कहते हैं। इसकी 4 कैटेगरी के तहत सरकार पाबंदियां लगाती है और प्रदूषण कम करने के उपाय जारी करती है।