कोरबा छत्तीसगढ़ प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कोरबा क्षेत्र से जुड़े हुए महत्वपूर्ण मार्गों के महत्व को प्रतिपादित करते हुए एवं क्षेत्रीय जनता की भावनाओं से अवगत कराने के लिए रायपुर प्रवास पर आए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़कारी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। राजस्व मंत्री ने श्री गड़करी को सौंपे ज्ञापन में कोरबा के महत्व का उल्लेख करते हुए लिखा है
कि कोेल इण्डिया की सबसे महत्वपूूर्ण एवं सर्वाधिक राजस्व प्रदान करने वाली कोयला खदानें छत्तीसगढ़़ राज्य के कोेरबा जिले में ही स्थित हैं। अपने ज्ञापन मेे कोरबा के महत्व को प्रतिपादित करते हुए जयसिंह अग्रवाल ने आगे लिखा है कि दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे बिलासपुर को रेल परिवहन से प्राप्त होने वाले कुल राजस्व का लगभग 70 प्रतिशत भाग कोरबा जिले की कोयला खदानो से उत्पादित कोल परिवहन से प्राप्त होता है।
केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री राज्य के विभिन्न मार्गों के लोकापर्ण एवं शिलान्यास कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय प्रवास पर रायपुर पहुंचे थे। राजस्व मंत्री ने इस अवसर पर नितिन गड़करी से सौजन्य भेंट कर ज्ञापन सौंपा। जयसिंह अग्रवाल ने ज्ञापन में आगे लिखा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 149 बी के तहत चांपा-कोरबा-कटघोरा खण्ड चार-लेन उन्नयन परियोेजन जिसकी लम्बाई 38.20 किलोमीटर है उसके अन्तर्गत कोरबा शहर का कुछ हिस्सा जो कि उरगा स्थित होटल रिलैक्स-इन से कोरबा व कोरबा इमलीडुग्गु तक का हिस्सा छूट गया है।
राजस्व मंत्री ने लिखा है कि होटल रिलैक्स-इन से इमली डुग्गू तक मार्ग का चार-लेन सी.सी. रोड में वन-टाईम इम्प्रूवमेंन्ट योजना के तहत उन्नयन किया जाना आवश्यक है क्योंकि इस रोड़ पर कोल इण्डिया लिमिटेड के कोरबा तथा मानिकपुर क्षेत्र की कोयला खदानें हैं। अतएव कोयला परिवहन एवं आम जनता के सुगम व सुरक्षित आवागमन की दृष्टि से उक्त हिस्से को राष्ट्रीय राजमार्ग के वन-टाईम इम्प्रूवमेंट योजना के अंतर्गत उन्नयन किया जाना आवश्यक है।
राजस्व मंत्री ने अपने ज्ञापन में दर्शाया है कि सीएसईबी चौक से दर्री डेम तक चार-लेन सड़क निर्माण का कार्य पूूरा हो चुका है। इस वन-टाईम इम्प्रूवमेंन्ट योजना के अन्तर्गत उन्नयन कार्य पर लगभग 130 करोड़ की लागत अनुमानित है एवं इस हिस्से में प्रस्तावित पुल (ब्रिज) सीआरएफ स्कीम के अन्तर्गत लगभग 65 करोड़ की लागत अनुमानित है। इस प्रकार से उक्त मार्ग के वन-टाईम इम्प्रूवमेंन्ट योजना के अन्तर्गत सड़क उन्नयन एवं ब्रिज व सीआरएफ आदि निर्माण कार्यों के लिए 200 करोेड़ की मंजूरी अपेक्षित है।
राजस्व मंत्री द्वारा सौंपे गए एक दूसरे ज्ञापन में उद्योगों के लिए कोयला की प्रचुर मात्रा और सरकार को राजस्व प्राप्ति की दृष्टि से कोरबा और कोरिया जिले के महत्व को राष्ट्र एवं प्रदेश की दृष्टि से उल्लेखित करते हुए कहा गया है कि कोयला परिवहन को सुगमता और विस्तार प्रदान करने हेतु यहां के सड़क मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने की आवश्यकता प्रतिपादित किया है। अपने ज्ञापन में केंद्रीय मंत्री के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए राजस्व मंत्री ने आगे लिखा है कि आपकी स्वीकृति से ही बिलासपुर-कटघोरा चार-लेन राष्ट्रीय राजमार्ग वर्तमान में निर्माणाधीन है एवं कटघोरा से अंबिकापुर 2 लेन सी.सी. राष्ट्रीय राजमार्ग लगभग पूर्णता की ओर है। जयसिंह अग्रवाल ने अपने पत्र में दो और प्रमुख मार्गो के निर्माण की आवश्यकता की ओर केन्द्रीय मंत्री का ध्यान आकृष्ट किया है जिनमें कटघोरा-जड़गा-पसान से होते हुए केंवची तक की सड़क है। इसमें केंवची से रतनपुर खण्ड (पैकेज-1) से जुड़ जाएगा जिससे अमरकंटक तीर्थ स्थल जाने के लिए कोेरबा, जांजगीर, चांपा, रायगढ़ एवं आसपास के अन्य जिलोें के साथ ही विभिन्न प्रदेशों के लोगो को सुविधा होेगी।
इसी प्रकार जो दूसरी महत्वपूर्ण सड़क निर्माण के लिए राजस्व मंत्री ने आवश्यकता बताई है उसमें चोटिया-कोरबी-खड़गंवा-चिरमिरी-छोटा नागपुर (मनेन्द्रगढ़) तक के मार्ग को शामिल किया है। इन मार्गों के संबंध में जयसिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि इनके निर्माण से कोयला परिवहन के साथ ही आम जनता को अन्य राज्योें से संपर्क करने व आवागमन के लिए बेहतर सुविधा प्राप्ति के साथ सुगमता हो सकेगी।