बिलासपुर । भरी गर्मी में निस्तारी तालाब को जहरीला बनाने पहुंचे मछुआरों का ग्रामीणों ने भारी विऱोध किया। मछुआरों ने ग्रामीणों को बताया कि जब हमने मछली डाला है तो मारने का भी हमें अधिकार है। इसलिए दवाई डालकर मछली मारने आए हैं।
हमने स्थानीय भाजपा नेता को पैसा भी दिया है। मामले की जानकारी तहसीलदार तक पहुंची। उन्होने तत्काल अधिकारी को मौके पर भेजकर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। बहरहाल ग्रामीणों में निस्तारी तालाब में जहर डालकर मछली मारने को लेकर भयंकर आक्रोश है।
करीब दस साल पहले निगम वार्ड क्रमांक चार स्थित घुूरू सरपंच ने तात्कालीन समय शासकीय योजना के तहत तालाब में मछली का बीज डलवाया। बताते चलें कि निगम में शामिल होने से पहले घुरू ग्राम पंचायत हुआ करता था। घूरू में स्थित सगरा तालाब आस पास के 10-15 गांव में काफी विख्यात है।
तात्कालीन समय शासन ने लाखों रूपए खर्च कर तालाब का ना केवल जीर्णोद्धार कराया। बल्कि पचरी और घाट का निर्माण कर तालाब को दर्शनीय भी बनाया। तात्कालीन सरपंच ने अच्छी किस्म मछलियों का बीज भी डलवाया। मछलियां आज काफी बड़ी हो गयी है। यह जानते हुए भी कि तालाब निगम क्षेत्र का हिस्सा है। बावजूद इसके क्षेत्र के सबसे बड़े निस्तारी तालाब पर रंगदारों ने कब्जा कर लिया है।
बताते चलें कि घुरू स्थित आसपास के 10-15 गांव में सगरा तालाब का नाम है। तालाब में निगम वार्ड 4 गोकुलनगर घुरु स्थित जुड़वा तालाब सगरा और लुदरा आज भी सबसे बड़ा और मुख्य निस्तारी तालाब के रूप में जाना जाता है। मंगलवार की दोपहर कुछ भाड़े के मछुआरे जहरीला दवाई लेकर सगरा और लुदरा तालाब पहुंचे। स्थानीय लोगों के विरोध के बाद भी नाव पर सवार होकर तालाब में घुसे।
और जीव जन्तु को मारने वाला तरल द्रव्य मेलाथियान का छिड़काव करने लगे। वीडिया बनाते ही सभी मछुआरे तालाब से बाहर आए। और वीडियो बनाने से विरोध किया। यद्यपि इस दौरान ग्रामीणों ने कलेक्टर से परमिशन लिए जाने की बात कही। लेकिन मछुआरे ने साफ कहा कि हमने मछली डाला है। और मारने आए हैं। बताते चलें कि सगरा और लुदरा तालाब में कमल की भी अच्छी पैदावार होती है। स्थानीय गरीब लोग कमलनाल तोड़कर जीविकोपार्जन भी करते हैं। मझुआरे ने बताया कि कमल फूल को मारने के लिए ही दवाई का छिड़काव कर रहे हैं। मरी हुई मछलियां हमारे काम आएंगी। मछुआरे ने यह भी बताया कि हमने स्थानीय भाजपा नेता से बातचीत की है। इसलिए दवाई का छिड़काव कर रहे हैं।
मौके पर पहुंची मेडिकल टीम
आनन फानन स्थानीय लोगों ने मामले की जानकारी तहसीलदार को दिया। तहसीलदार ने तत्काल अधिकारी को मौके पर भेजा।
निस्तारी तालाब में जहर डालना अपराध
तहसीलदार अश्वनी कंवर ने बताया कि तालाब में जहर डालना अपराध है। सम्बधित मेडिकल अधिकारी को जानकारी दी गयी है। जो भी स्थिति होगी उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। चूंकि तालाब निस्तारी का है इसलिए इस प्रकार की गतिविधियां नियम के खिलाफ हैं। रिपोर्ट के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
जहर से मछली मारने आए
घूरू के ग्रामीणों ने बताया कि मझुआरे लोग कीटनाशक पदार्थ का छिड़काव कर मछली मारने आए थे। पहले भी दो एक बार ऐसा ही प्रयास किया गया। गांव का एक मात्र जुड़़वा और निस्तारी तालाब है। तालाब का पानी घर में भी उपयोग होता है। पानी जहरीला होने से बड़ा हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।