बिलासपुर । द रेडी टू ईट फूड के निर्माण और वितरण की जिम्मेदारी महिला स्व सहायता समूहों से लेकर बीज निगम की पार्टनरशिप वाली पीवीएस कंपनी को देने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इस पर सोमवार को याचिकाकर्ताओं की तरफ से बहस पूरी की गई। वहीं अब 30 मार्च को राज्य शासन और बीज निगम की तरफ से तर्क प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद काउंटर बहस होगा। महिला स्वसहायता समूहों की 257 याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ताओं के तरफ से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के नियमों का उल्लेख करते हुए पक्ष रखते हुए बताया कि अधिनियम में महिला स्वसहायता समूहों को बहुत अहमियत दी गई है। इसके मुताबिक बहस होगी।
महिला स्वसहायता समूह ही काम प्र कर सकती हैं, प्राइवेट कंपनी काम नहीं कर सकती। सुप्रीम कोर्ट ने नि प्राइवेट कंपनी को इस काम के लिए मना किया हुआ है, कि कंपनी यह काम नहीं कर सकती। अब 30 मार्च को राज्य शासन की तरफ से महाधिवक्ता और बीज निगम की तरफ से बहस की जाएगी। इसके बाद याचिकाकर्ताओं की ओर से काउंटर बहस होगी।