बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने 16 नवंबर को अपने कार्यकाल के 100 दिन पूरे कर लिए है। 18 नवंबर को ट्रांसपेरैंसी इंटरनेशनल बांग्लादेश की तरफ से जारी की गई एक रिपोर्ट में बताया गया कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के शासन में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा बढ़ी है। यूनुस प्रशासन अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराधों को रोकने में नाकाम रहा है।
इस रिपोर्ट के अनुसार 5 से 20 अगस्त के बीच ही अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराध के 2 हजार से ज्यादा मामले सामने आये थे, जिसमें 9 अल्पसंख्यकों की मौत हो गई थी। इन मामलों में सरकार ने अपराधियों की पहचान करने और उन्हें सजा देने में लापरवाही बरती है।
शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों खासतौर पर हिंदुओं के खिलाफ हमले बढ़े हैं। इस दौरान दुर्गा पूजा और दूसरे धार्मिक कार्यक्रमों को निशाना भी बनाया गया है। इन 100 दिनों में बांग्लादेश की 22 जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों और शिल्पकला एकेडमी पर हमले हुए।
इन हमलों की वजह से सांस्कृतिक कार्यक्रमों और मेलों पर प्रतिबंध भी लगाना पड़ा।
यूनुस राजनीतिक विरोधियों को बना रहे हैं निशाना
द राइट्स एंड रिस्क एनालिसिस ग्रुप (RRAG) ने एक रिपोर्ट में बताया है कि यूनुस प्रशासन शेख हसीना की पुरानी सरकार से ज्यादा अलग नहीं है। यूनुस सरकार में देश में अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचारों को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है। इसके अलावा यूनुस प्रशासन ताकत का इस्तेमाल करके अपने राजनीतिक विरोधियों को निशाना बना रहे हैं।
यूनुस प्रशासन ने 1598 केसों में 2 लाख से ज्यादा लोगों को निशाना बनाया है। इनमें से ज्यादातर ऐसे लोग थे, यूनुस के राजनीतिक विरोधी थे।
अगस्त से लगातार हो रहे हैं हिंदुओं पर हमले
बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से ही लगाता हिंदुओं पर हमले के मामले सामने आ रहे थे। देश में कई जगहों पर हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया था। कुछ ही दिन पहले, चटगांव में इस्कॉन संगठन के सचिव और 18 लोगों पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। उन पर चटगांव के न्यू मार्केट में आजादी स्तंभ पर लगे नेशनल फ्लैग से ऊपर भगवा ध्वज फहराने का आरोप था। इस ध्वज पर 'सनातनी' लिखा हुआ था।
बांग्लादेश में हिंसा के बाद पूर्व PM शेख हसीना 5 अगस्त को भारत आ गई थीं। उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। 22 अगस्त को अंतरिम सरकार ने हसीना और उनके परिवार के लोगों के डिप्लोमैटिक पासपोर्ट भी रद्द कर दिए थे।
इसके बाद 8 अगस्त को बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हुआ था। नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को इस सरकार का चीफ एडवाइजर बनाया गया था।