कोरबा एसईसीएल के कोरबा क्षेत्र अंतर्गत अम्बिका ओपन कास्ट प्रोजेक्ट के लिए पाली तहसील के ग्राम करतली, तेंदूभाठा और दमिया की भूमि अर्जित की जा चुकी है। इनमें अनेक काश्तकारों ने रोजगार नहीं मिलने के कारण मुआवजा लेने से इनकार कर दिया है।
ग्राम करतली, तेंदूभाठा और दमिया के निवासियों की निजी हक की 335.19 एकड़ भूमि एवं राजस्व, वन भूमि 15.52 एकड़ का अधिग्रहण कोल बेयरिंग एक्ट के तहत किया जा चुका है। भूमि अर्जन के एवज में 485 काश्तकारों को 26.72 करोड़ रुपये मुआवजा भुगतान किया जा चुका है और शेष 198 काश्तकारों ने मुआवजा लेने से इनकार कर दिया है।
इन काश्तकारों का कहना है कि छोटा रकबा होने के कारण उनको रोजगार से वंचित होना पड़ेगा और भविष्य अंधकारमय हो जाएगा जबकि एसईसीएल अथवा शासन उनकी सामाजिक सुरक्षा के लिए कोई ठोस निर्णय नहीं दे पा रहा है। ऐसी स्थिति में कोयला खदान खुलने ही नहीं दिया जाएगा। विगत दिवस ग्रामीणों के आमन्त्रण पर ऊर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने ग्राम करताली में बैठक ली। प्रभावितों ने बताया कि उनकी परिसम्पतियों का जिम्मेदार अधिकारियों की गैरमौजूदगी में गलत तरीके से मूल्यांकन किया गया है।
बैठक में संगठन के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने कहा कि जल, जंगल, जमीन की रक्षा करने वाले आदिवासी किसानों की पुरखों की जमीन को देश हित का हवाला देकर जबरदस्ती छीना जा रहा है। उन्होंने भू-विस्थापितों को संगठित होकर अधिकार की लड़ाई तेज करने का सुझाव दिया। यहां ऊर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति की दो ग्राम कमेटी का गठन किया गया। महिला कमेटी के लिए राजकुमारी टेकाम अध्यक्ष, सुखमति उपाध्यक्ष, राम बाई सचिव, कुसुम बाई सह सचिव, सदस्य बुधवारा बाई, सुमित्रा बाई, फूल कुंवर कमला बाई, शांति बाई, धनबाई मरावी, पंच कुंवर श्याम, पुरुष समिति के लिए शंकर सिंह टेकाम अध्यक्ष, रामदुलारी जगत उपाध्यक्ष, नंदकुमार मरावी सचिव, नारायण सिंह जगत सह सचिव, रघुनंदन सिंह टेकाम कोषाध्यक्ष, सदस्य सहस राम जगत, गेंदराम आयम, नारायण सिंह जगत, चैन सिंह, अशोक कुमार टेकाम, जयपाल सिंह कुसरो को सर्वसम्मति से चुना गया। बैठक में ऊर्जाधानी संगठन के उपाध्यक्ष बृजेश श्रीवास, ललित महिलांगे, मनीराम भारती, संतोष राठौर, सतीश चंद्रा, ग्राम करताली से राजकुमारी, उत्तरीबाई, फूल कुंवर, विमला, प्रभतिन, रामकुंवर, पंच कुंवर, बुधरी बाई, ललिता बाई, बुधवारा बाई, सरोजिनी देवी, सुखमति नीराबाई, लक्षन बाई, सुमित्रा देवी, तुल कुंवर, रजमत बाई, रामबाई, सुभौति, कमला देवी, बिंद कुंवर, प्रहलाद सिंह, करन सिंह, सुभाष सिंह, रनसिंह, घासीराम, जयपाल यादव, गेंदराम, कल्याण सिंह, ईश्वर सिंह, सहजराम रामदुलारी, शिव सिंह, नारायण सिंह, राम सिंह, शिव कुमार, शंकर सिंह, जयपाल सिंह, रघुनंदन, जनक सिंह, इस्पाल सिंह, सुनऊराम, नंद कुमार, नारायण सिंह, अशोक कुमार सहित बड़ी संख्या में प्रभावित किसान शामिल थे।