बिलासपुर । विधानसभा में बिलासपुर नगर विधायक शैलेष पांडेय ने अरपा नदी के दोनों ओर नाला निर्माण को लेकर राज्य शासन का ध्यानाकर्षण कराया। शैलेष पाण्डेय के सवाल पर मंत्री डॉ.शिव कुमार डहरिया ने बताया कि अरपा के दौरान तरफ कुल साढ़े किलोमीटर नाला का निर्माण किया जाएगा। नाला निर्माण पर 38 करोड़ खर्च होंगे। इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है।
मंगलवार को विधानसभा सत्र दौरान ध्यानाकर्षण चर्चा के दौरान विधायक शैलेष पांडेय ने जीवनदायिनी अरपा नदी के संवर्धन का मुद्दा उठाया। इस दौरान शैलेष नेअरपा नदी के दोनों और नाला निर्माण को लेकर शासन का ध्यान आकर्षित किया।
विधायक शैलेष ने कहा कि बिलासपुर की जीवनदायिनी अरपा नदी के संरक्षण और संवर्धन को लेकर राज्य शासन से स्वीकृत दो बैराज निर्माणाधीन है। बिलासपुर में पेयजल का मुख्य स्रोत अरपा नदी है। नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए नदी के दोनों ओर 5 किलोमीटर लंबा नाला निर्माण कराना अति आवश्यक है। नाला निर्माण के बाद ही अरपा नदी का जल पीने लायक होगा।
शैलेष पाण्डेय ने सदन को बताया कि बिलासपुरवासियों को जीवनदायिनी अरपा नदी से भावनात्मक लगाव है। राजगीत की शुरूआत भी अरपा से है। इसलिए अरपा नदी के दोनों तरफ नाला निर्माण किया जाना जरूरी है। इसके बाद ही लाखों लोगों को स्वच्छ जल की आपूर्ति संभव है।
चर्चा के दौरान नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिवकुमार डेहरिया ने बताया कि यह सच है कि बिलासपुर की जीवनदायिनी अरपा नदी है। इसके संवर्धन के लिए राज्य शासन ने दो बैराज स्वीकृत किए हैं। दोनो बैराज निर्माणाधीन है। नगर निगम एवं स्मार्ट सिटी लिमिटेड बिलासपुर के की तरफ से अरपा नदी जल संवर्धन के लिए विशेष प्रयास किया जा रहा है।
इंदिरा सेतु से शनिचरी रपटा तक और अरपा साडा की स्वीकृत विकास योजनानुसार नदी के दोनों किनारों पर 80 फुट चौड़ी फोरलेन सड़क और नाला का निर्माण किया जा रहा है। डहरिया ने बताया कि सड़क की लंबाई 3.60 किलोमीटर (दाहिनी ओर 1.8 किलोमीटर और बाईं ओर 1.8 किलोमीटर) है। नाला की लंबाई 4.2 किलोमीटर (दाहिनी ओर 2.1 किलोमीटर एवं बाईं ओर 2.1 किलोमीटर) है।
इसके आगे ग्राम मंगला से शिवघाट बैराज होते हुए इंदिरा सेतु और शनिचरी रपटा से पचरीघाट बैराज तक नाला निर्माण की योजना तैयार की जा रही है। जिसकी कुल लंबाई 9 किलोमीटर (दाहिनी ओर 4.25 किलोमीटर एवं बाईं ओर 4.75 किलोमीटर) है।
सरकंडा से मोपका तक नदी में मिलने वाले नालो के गंदे पानी को सीवरेज हेतु योजना का डीपीआर तैयार किया जा रहा है। मंगला क्षेत्र के रोकने के लिए 4.7 किलोमीटर नाला एवं कोनी क्षेत्र के दूषित जल रोकने के लिए 4.3 किलोमीटर लंबा नाला निर्माण की योजना स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने तैयार किया है। र रहा है। बिलासपुर द्वारा बनाई गई है।