ताइपे । चीनी वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने एक बार फिर ताइवानी हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा चीन के 39 लड़ाकू विमानों ने रविवार को ताइवानी हवाई सीमा का अतिक्रमण किया। इसमें चीन का इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर में माहिर नया लड़ाकू विमान जे-16डी भी शामिल था। सन 2022 में यह पहला मौका है, जब चीन के लड़ाकू विमानों ने इतनी बड़ी संख्या में ताइवान में घुसपैठ की है।
इसके एक दिन पहले ही, अमेरिकी नौसेना और जापान की नौसेना ने दक्षिण चीन सागर से सटे फिलीपीन सागर में नौसैनिक अभ्यास किया था। इसमें दो एयरक्राफ्ट कैरियर, दो एम्फीबियस असाल्ट शिप, दो गाइडेड मिसाइल क्रूजर, पांच डिस्ट्रॉयर और कई जापानी युद्धपोत शामिल हुए थे।
माना जा रहा है कि चीन ने इसी का जवाब देने के लिए ताइवान में अपने लड़ाकू विमानों को भेजा। अमेरिका-जापान युद्धाभ्यास पर अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े के कमांडर वाइस एडमिरल कार्ल थॉमस ने कहा कि हम इंडो-पैसिफिक में नौवहन की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह युद्धाभ्यास हमारी इसी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। इस युद्धाभ्यास में दो कैरियर स्ट्राइक ग्रुप, दो एम्फीबियस रेडी ग्रुप और जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स के जहाज शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि हम इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को मजबूत करते रहेंगे। इससे एक स्वतंत्र और खुले इंडो पैसिफिक की सुरक्षा कायम रहेगी। हम भविष्य में भी ऐसे युद्धाभ्यासों को अपने दोस्त राष्ट्रों के साथ आयोजित करते रहेंगे। फिलीपीन सागर ताइवान के पूर्व में प्रशांत महासागर का क्षेत्र है। यह गुआम के पूर्व में और उत्तरी मारियाना द्वीप समूह के बीच में स्थित है।
ताइवानी रक्षा मंत्रालय ने बताया रविवार को 39 चीनी लड़ाकू विमानों ने एक साथ ताइवान में घुसपैठ की थी। इसमें 24 जे-16 लड़ाकू विमान, 10 जे-10 लड़ाकू विमान, दो वाई-9 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, दो वाई-8 एंटी-सबमरीन वार्निंग एयरक्राफ्ट और एक परमाणु हमला करने में सक्षम एच-6 बॉम्बर शामिल थे। जवाब में ताइवान ने रेडियो से चीनी लड़ाकू विमानों को चेतावनी जारी की और अपनी एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलों का मुंह उनकी तरफ मोड़ दिया। मिसाइल के निशाने पर आते ही चीनी लड़ाकू विमान तेजी से ताइवानी हवाई क्षेत्र छोड़कर बाहर निकल गए।
पिछले साल 4 अक्टूबर को चीन से सबसे बड़ी संख्या में लड़ाकू विमानों को ताइवानी हवाई क्षेत्र में भेजा था। उस समय चीन के कुल 56 विमान ताइवान की सीमा में घुसे थे। सिंगापुर में एस राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के रिसर्च फेलो कॉलिन कोह ने कहा रविवार को चीनी घुसपैठ अमेरिका और जापान के नौसैनिक अभ्यास की प्रतिक्रिया थी। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह बीजिंग की व्यापक रणनीति का सोचा-समझा हिस्सा है। इसका उद्देश्य ताइवान की प्रतिरोध की क्षमता को खत्म करना है।
कोह ने कहा कि ताइवान के कुछ राजनेताओं और सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों ने लगातार चीनी घुसपैठ के जवाब में अपने देश की हवाई सुरक्षा को मजबूत करने का मुद्दा उठाया है। ताइवान लड़ाकू विमानों के पायलटों की कमी और अपर्याप्त प्रशिक्षण से जूझ रहा है। हाल में ही ताइवान का एक एफ-16 लड़ाकू विमान ट्रेनिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। जिसके बाद अमेरिका ने ताइवानी सेना की ट्रेनिंग के लिए यूएस स्पेशल फोर्सेज को तैनात किया है। चीन का एच-6 के विमान बेहद खतरनाक माना जाता है।
यह विमान परमाणु हमला करने में भी सक्षम है। इसे तेजी से उड़ने वाले ड्रोन से लेकर एंटी शिप मिसाइलों को ले जाने के लिहाज से बनाया गया है। यह विमान क्रूज मिसाइल दागने में भी सक्षम है। चीन ने इस बमवर्षक विमान का उन्नत संस्करण एच-6एन को भी विकसित किया है। एच-6के सोवियत संघ के टीयू-16 बमवर्षक विमान पर आधारित है। चीन ने अब अपने एच-6एन विमान के लिए हवा से दागे जाने में सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइलें बना रहा है।