स्पेशलिस्ट बल्लेबाज की जगह बैटिंग ऑर्डर में प्रमोट किए गए निचले क्रम के बल्लेबाज नाइटवॉचमैन कहते हैं, जिसका काम टीम की रखवाली यानी अहम विकेट बचाना होता है। यह ज्यादातर दिन का खेल खत्म होने के समय किया जाता है। नाइटवॉचमैन के रूप में टीम ऐसे खिलाड़ी को उतारती है जिसके विकेट की ज्यादा वैल्यू नहीं होती है। इसके बाद भी कई नाइटवॉचमैन बड़ी पारी खेल जाते हैं। हम आपको 5 ऐसे नाइटवॉचमैन के बारे में बताने जा रहे हैं जो टेस्ट में शतक ठोक चुके हैं।नसीम-उल-गनी
पाकिस्तान के नसीम उल गनी नाइटवॉटमैन के रूप में खेलते हुए शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज हैं। वह लॉर्ड्स के मैदान पर शतक लगाने वाले पहले पाकिस्तानी बल्लेबाज हैं। उन्होंने 101 रनों की पारी खेली थी।
टोनी मान
ऑस्ट्रेलिया के टोनी मान भी नाइटवॉचमैन के रूप में टेस्ट में शतक ठोक चुके हैं। उन्होंने भारत के खिलाफ 1977 के पर्थ टेस्ट में यह कारनामा किया था। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे मान ने 105 रनों की पारी खेली थी।
सैयद किरमानी
सैयद किरमानी भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज थे। उन्होंने 1979 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाइटवॉचमैन के रूप में 5वें नंबर पर उतरे थे। किरमानी ने 206 गेंदों पर 101 रनों की पारी खेली थी। मुंबई में हुए उस मैच को भारत ने पारी और 100 रनों से जीता था।
मार्क बाउचर
साउथ अफ्रीका के विकेटकीपर बल्लेबाज मार्क बाउचर नाइटवॉटमैन के रूप में दो बार शतक लगा चुके हैं। एक ही साल में उन्होंने यह कारनामा किया था। पहली बार जिम्बाब्वे के खिलाफ उन्होंने 125 रनों की पारी खेली थी। फिर इंग्लैंड के खिलाफ डरबन में 108 रन बनाए थे।
जेसन गिलेस्पी
ऑस्ट्रेलिया के जेसन गिलेस्पी तीसरे नंबर पर नाइटवॉचमैन के रूप में बैटिंग करने उतरे थे। 2006 में चिटोग्राम टेस्ट में उन्होंने 201 रनों की नाबाद पारी खेली थी। वह आज भी दोहरा शतक लगाने वाले एकमात्र नाइटवॉटमैन बल्लेबाज हैं। यह उनके करियर का भी आखिरी मुकाबला था।