दलीप ट्रॉफी के अपने डेब्यू मुकाबले में मुशीर खान ने शतक ठोक दिया है। बल्लेबाजी के लिए मुश्किल विकेट पर उन्होंने 205 गेंदों पर शतक ठोका। इस पिच पर इंडिया बी के मध्यक्रम में कोई बल्लेबाज दहाई के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाया। सरफराज खान 9 और ऋषभ पंत 7 रन बनाकर आउट हुए। नितीश रेड्डी और वॉशिंगटन सुंदर का तो खाता तक नहीं खुला। मुशीर का फर्स्ट क्लास करियर सिर्फ 7 मैचों का ही है लेकिन उन्होंने दिखा दिया है कि वह लंबी रेस के घोड़े हैं। हम आपको आज 5 कारण बताते हैं, क्यों मुशीर की जल्द ही टीम इंडिया में एंट्री हो सकती है।मुशीर खान स्पिन के साथ ही पेस बॉलिंग के खिलाफ भी काफी मजबूत है। दलीप ट्रॉफी में उन्होंने भारत के लिए खेल चुके खलील अहम, आवेश खान और आकाश दीप का डटकर सामना किया। कुलदीप यादव के खिलाफ भी आसानी से रन बनाए। उनमें क्रीज से आकर निकलकर स्विंग काटने की भी क्षमता है।
मुशीर खान में लंबी पारी खेलने का टेम्परामेंट है। सेट होने के बाद उन्हें आउट करना आसान नहीं होता है। 6 फर्स्ट क्लास मैच में उन्होंने एक फिफ्टी और तीन शतक ठोके हैं। इसमें एक दोहरा शतक भी शामिल है।
एक समय भारतीय टीम के टॉप ऑर्डर का हर बल्लेबाज गेंदबाजी करता था। सचिन, सहवाग, गांगुली, युवराज में कोई भी 10 ओवर डाल सकता था। अब ऐसा एक भी खिलाड़ी भारतीय टीम के पास नहीं है। मुशीर टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज होने के बाद ही बेहतरीन स्पिनर भी हैं। अंडर-19 वर्ल्ड कप में भी उन्होंने 7 विकेट लिए थे।