दमिश्क: सीरिया में अमेरिकी और सहयोगी बलों के ठिकानों पर सोमवार को रॉकेटों से हमला किया गया। रविवार को जॉर्डन में अमेरिकी मिलिट्री बेस पर ड्रोन हमले में तीन सैनिकों की मौत के बाद सीरिया में ये अटैक हुआ है। अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सीरिया के शादादी में पेट्रोलिंग बेस पर अमेरिका और गठबंधन सेना के खिलाफ कई रॉकेट लॉन्च किए गए लेकिन इसमें किसी के घायल होने की सूचना नहीं है और बुनियादी ढांचे को भी कोई नुकसान नहीं हुआ है।
इराक और सीरिया में अमेरिकी सेना को बीते साल अक्टूबर के बाद से हमलों में वृद्धि का सामना करना पड़ा है। इनमे से ज्यादातर हमलों की जिम्मेदारी उन संगठनों ने ली है, जो गाजा संघर्ष में इजराइल और अमेरिका का विरोध कर रहे हैं। अक्टूबर के मध्य से अमेरिका और गठबंधन सेना पर कम से कम 165 बार हमले हुए हैं। इनमें इराक में 66, सीरिया में 98 और जॉर्डन में एक हमला हुआ है। इन हमलों में ड्रोन, रॉकेट, मोर्टार और कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों का भी इस्तेमाल हुआ है। इस्लामिक स्टेट समूह के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के हिस्से के रूप में अमेरिका के सीरिया में करीब 900 और पड़ोसी इराक में 2,500 सैनिक हैं।
सीरिया में रविवार को हुआ था अमेरिकी मिलिट्री बेस पर हमला
जॉर्डन में सीरिया की सीमा के पास रविवार को एक हमले में तीन अमेरिकी सैनिक मारे गए और करीब 30 घायल हो गए हैं। ये गाजा युद्ध शुरू होने के बाद पश्चिम एशिया में पहली बार अमेरिकी सैनिकों पर ऐसा हमला हुआ है, जिसमें मौतें हुई हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी इस हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसका उचित जवाब देने की बात कही है। इराक के इस्लामिक रेजिस्टेंस समूह ने इस घातक हमले की जिम्मेदारी ली है। इराक में इस्लामिक रेजिस्टेंस कई संगठनों के एक गठबंधन का नाम है, जिसे ईरान का समर्थन प्राप्त होने की बात कही जाती है।