नई दिल्ली । टीम इंडिया के सदस्य विराट कोहली से वनडे टीम की कप्तानी से हटाए जाने के बाद से पूर्व क्रिकेटर इस पर अपनी राय जाहिर कर रहे हैं। इसमें नया नाम पूर्व मुख्य चयनकर्ता दिलीप वेंगसरकर का भी जुड़ गया है। वेंगसरकर का मानना है कि विराट की जगह रोहित शर्मा को टी20 के साथ वनडे टीम का कप्तान बनाने का बीसीसीआई का फैसला सही है।
रोहित काफी वक्त से अच्छा कर रहे हैं और वो कप्तानी का इंतजार कर रहे थे। ‘कर्नल’ के नाम से लोकप्रिय रहे दिलीप वेंगसकर ने बातचीत में कहा, ‘अब विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट पर ज्यादा ध्यान लगा पाएंगे और रोहित शर्मा वनडे पर, जिसमें उन्होंने बतौर बल्लेबाज और लीडर लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने मुंबई इंडियंस के लिए कई बार आईपीएल जीता है। वहीं, जब भी रोहित को व्हाइट बॉल क्रिकेट में कप्तानी सौंपी गई है। उन्होंने बेहतर नतीजा ही दिया है।’
पूर्व मुख्य चयनकर्ता दिलीप वेंगसरकर ने आगे कहा, ‘विराट ने वनडे और टी20 टीम के कप्तान के रूप में अब तक अच्छा प्रदर्शन किया है। लेकिन अब उनके कंधों पर से बोझ उतर जाएगा। वह इस समय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक हैं। वह सफल है और उसके नेतृत्व में कुछ बेहतरीन प्रदर्शन भी हुए हैं। इससे उन्हें टेस्ट क्रिकेट पर अधिक ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी, जिसमें एक खिलाड़ी की असली परीक्षा होती है।’ सेलेक्टर्स को अब भविष्य के बारे में भी सोचना होगा।
उन्हें अभी से ही वनडे और टेस्ट टीम की कप्तानी के लिए किसी खिलाड़ी को तैयार करना होगा। ये सिर्फ कप्तानी ही नहीं खिलाड़ियों पर भी लागू होता है। सेलेक्टर्स को बैकअप खिलाड़ी तैयार करने होंगे, जो सीनियर की जगह ले सकें। सेलेक्टर्स का काम ही है खिलाड़ियों को तैयार करना। बेंच स्ट्रेंथ मजबूत रहेगी तो बड़े खिलाड़ियों के रिटायर होने पर ज्यादा परेशानी नहीं आएगी। आप वेस्टइंडीज को देखिए इस टीम ने 15 सालों तक विश्व क्रिकेट पर राज किया। लेकिन अब यह टीम नंबर-1 से बिल्कुल नीचे पहुंच गई।
वेंगसरकर ने आगे कहा, जब मैं सेलेक्शन कमेटी का चेयरमैन था तो मैंने अनिल कुंबले को कप्तान बनाया और उसी समय महेंद्र सिंह धोनी और दूसरे खिलाड़ियों को तैयार किया। मैंने इशांत शर्मा को तैयार किया, जिन्हें मैं इंग्लैंड दौरे पर ले गया। मैं जानता था कि इशांत को वहां मौका नहीं मिलेगा। लेकिन मुझे ये पता था कि वो बाद में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। सेलेक्टर का काम ही है खिलाड़ियों को तैयार करना होता है। आप किसी खिलाड़ी को गहरे समंदर में फेंककर उनके तैरने की उम्मीद नहीं कर सकते। मेरा इस चीज पर भरोसा नहीं है। आपको सही वक्त पर मौके देने होंगे।