कोरबा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा द्वारा जिला एवं तहसील स्तर पर दिनांक 12 मार्च 2022 को सभी मामलों से संबंधित नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें न्यायालय में कुल 5600 प्रकरण रखे गये थे, लंबित प्रकरण 3188 एवं प्री-लिटिगेशन के 2412 प्रकरण थे।
2164 लंबित प्रकरण तथा 86 प्री-लिटिगेशन प्रकरण कुल 2250 प्रकरण का निराकरण नेशनल लोक अदालत में समझौते के आधार पर हुआ। बी.पी. वर्मा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के आतिथ्य में एवं श्रीमति शीतल निकुंज, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा, विशिष्ठ अतिथि बी. राम, प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय कोरबा,
अध्यक्ष, जिला अधिवक्ता संघ कोरबा, अपर सत्र न्यायाधीश कु. संघपुष्पा भतपहरी, श्रीमति वंदना वर्मा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोरबा, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आर.एन. पठारे, हरीश चंद्र मिश्र, द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-एक कोरबा, बृजेश रॉय, तृतीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-एक कोरबा, श्रीमति अंजली सिंह, चतुर्थ व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-दो कोरबा, बी.के. शुक्ला, सदस्य, छ.ग. राज्य विधिज्ञ परिषद बिलासपुर दीप प्रज्जवलन कार्यक्रम में उपस्थित थे। नालसा थीम सांग न्याय सबके लिये के साथ नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया गया।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2022 में आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत के अनुक्रम में मुख्य संरक्षक महोदय छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं कार्यपालक अध्यक्ष महोदय, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ राज्य में तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाकर राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सहमति व सुलह समझौता से कुल 1,00,000 से अधिक प्रकरण निराकृत किये गये हैं।
उक्त लोक अदालत में प्रकरणों कें पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यमों से उनकी उपस्थिति में निराकृत किये जाने के अतिरिक्त स्पेशल सिटिंग के माध्यम से भी पेटी ऑफेंस के प्रकरणों को निराकृत किये गये हैं। न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी, कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा इस संपूर्ण लोक अदालत को सफल बनाये जाने हेतु निरंतर प्रयास करते हुए विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से भी लगातार अधिक से अधिक मामलों को निराकृत किये जाने हेतु प्रेरित किया गया तथा स्वयं राजनांदगांव एवं बालोद जिले में आयोजित नेशनल लोक अदालत की स्वयं समीक्षा कर पक्षकारों तथा बार एवं न्यायाधीशगणों से चर्चा की गई।
* ऑन लाईन माध्यम से हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत वृद्ध प्रार्थी को घर बैठे मिला न्याय
अभियुक्त अंकित श्रीवास्तव बनाम छ.ग. राज्य प्रार्थी अमरेश सिंघानिया के लिखित शिकायत के आधार पर सिटी कोतवाली कोरबा ने आरोपी के विरूद्ध अपने वाहन क्र. CG-12-R-7700 को छल कपटपूर्वक किसी अन्य को बेच देने का प्रकरण दर्ज किया गया था,
जिसमें प्रकरण 01 साल से लंबित होने तथा प्रार्थी द्वारा उनके वाहन का आधिपत्य किसी और को दे देने से तनाव की स्थिति बनी हुई थी, प्रार्थी की उमर बहुत अधिक हो जाने एवं वाहन संबंधी विवाद के कारण स्वास्थ्य खराब हो चला था ऐसे में प्रार्थी न्यायालय आने में असमर्थ था। दिनांक 12.03.2022 को हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत में आनलाईन के माध्यम से आपसी समझौता कर प्रकरण का निपटारा किया गया।
* 13 साल से चल रहे डिक्री निष्पादन विवाद संबंधी विवाद प्रकरण का हुआ निपटारा
रामचंद्र चेट्टी (आवेदक) विरूद्ध सूर्यकांत ठाकुर बालको नगर (अनावेदक) न्यायालय में लंबित व्यवहारवाद क्र. 5-3/2007 रामचंद्र चेट्टी विरूद्ध सूर्यकांत ठाकुर में पारित निर्णय एवं डिक्री दिनांक 13/10/2009 के तहत् वाद 33365/- रूपये मदयुन डिक्रीधारी रामचंद्र चेट्टी को दिलाये जाने का आदेश पारित किया गया था। उच्च न्यायालय के आदेश के उपरांत भी अनावेदक के द्वारा उक्त मकान को रिक्त नहीं किया गया जिसमें आवेदक द्वारा न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के समक्ष दुकान के लिये रिक्त आधिपत्य एवं बकाया किराया की वसूली हेतु डिक्री निष्पादन प्रकरण प्रस्तुत किया गया। दिनांक 12.03.2022 को नेशनल लोक अदालत के उपलक्ष्य में आवेदक एवं अनावेदक के मध्य में आपस में बिना डर एवं बिना दबाव के सन् 2007 से चले आ रहे विवाद का निराकरण समझौता कर किया गया। इस प्रकार में समझौता करने में न्यायालय एवं नेशनल लोक अदालत में अपनी बहुमूल्य भूमिका अदा की।
* बेसहारा परिवार का सहारा बना नेशनल लोक अदालत
दिनांक 31.07.2018 को मोटर दुर्घटना में लक्ष्मीनारायण राठौर की मृत्यु हो जाने के कारण आवेदकगण के द्वारा, समस्त मदों में कुल 47,10,000/- रूपये एवं इस पर 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से क्षति रकम प्राप्त करने हेतु अनावेदकगण के विरूद्ध मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 166 के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत किया गया है। उभय पक्ष ने समझौता होकर लिखित में समझौता आवेदन हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत में प्रस्तुत किया है। आवेदकगण की ओर से श्रीमति अनिता राठौर तथा अनावेदक की ओर से बयान लेखबद्ध किया गया है, उन्होंने स्वेच्छापूर्वक बिना किसी भय दबाव के 12,00,000/- रूपये (बारह लाख रूपये) में राजीनामा करना तथा आवेदन के परिप्रेक्ष्य में एवार्ड की राशि उसके ब्याज या अन्य खर्च के संबंध में किसी प्रकार का विवाद शेष नहीं रहना व्यक्त किया है। उभय प़क्ष ने प्रकरण समाप्त करने का निवेदन किया।
एक अन्य प्रकरण में गजेन्द्र प्रसाद एवं 01 अन्य (डिक्रीधारी) बनाम राजकुमारी पटेल एवं 05 अन्य (निर्णीतऋणीगण) डिक्रीधारी द्वारा निर्णीतऋणीगण के विरूद्ध 6,20,000/- रूपये की वसूली हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया था। उक्त प्रकरण सन् 2009 से आपसी विवाद के कारण लंबित था ऐसे में दो परिवार तनाव से ग्रसित थे, जिससे डिक्रीधारी की आर्थिक स्थिति और भी खराब हो गई थी। नेशनल लोक अदालत दिनांक 12.03.2022 को आपसी समझौते के तहत् स्वेच्छापूर्वक बिना किसी भय दबाव के साथ राजीनामा कराकर दोनों परिवार के मध्य पुनः सांमजस्य एवं मधुर संबंध स्थापित करने में अपना योगदान प्रदान किया।
* सुखद संयुक्त परिवार का पर्याय बना नेशनल लोक अदालत
आवेदक रामेश्वर दास उम्र 59 वर्ष ग्राम ढुरेना, कोरबा बनाम अनावेदक सुशीला महंत ग्राम जामबहार तह. कोरबा आवेदक के द्वारा धारा 34 विर्निदिष्ट अनुतोष अधिनियम वास्ते विवाह को शून्य घोषित किये जाने हेतु प्रकरण कुटुम्ब न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। उक्त प्रकरण में चॅूकि आवेदक 59 वर्ष का शासकीय कर्मचारी है तथा उसके द्वारा अनावेदिका एवं उसके परिवारजनों के विरूद्ध झूठ एवं भ्रम की स्थिति बनाकर जमीन जायदाद के लालच से नोट्रीयल चूड़ी विवाह 31.07.2020 को ग्राम आंझीमार में सम्पन्न किया गया, जिसमें आवेदक को झूठ का पता चलने के उपरांत भी अनावेदिका के साथ सुखद वैवाहिक जीवन यापन करने हेतु कई कोशिश की गई, जिसमें अनावेदिका के द्वारा मना कर दिया गया। ऐसे में वृद्ध युवक का जीवन बिना सहारे के चल रहा था। दिनांक 12.03.2022 को नेशनल लोक अदालत कुटुम्ब न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों को एक सुखद वैवाहिक जीवन जीने हेतु आपसी समझौता के आधार पर प्रकरण निराकृत किया गया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका फूलमती लोनिया उम्र 60 वर्ष बनाम अनावेदक राम बच्चन लोनिया उम्र 65 वर्ष आवेदिका एवं अनावेदक का विवाह 40 वर्ष पूर्व हिन्दू रीति रिवाज के साथ किया गया था। आवेदिका के जीवित रहते ही अनावेदक के द्वारा किसी अन्य महिला से दूसरा विवाह किया गया था। तबसे अनावेदक ने आवेदिका को घर बाहर निकाल दिया एवं भरण-पोषण देने से भी मना कर दिया गया। ऐसे में आवेदिका एवं उसके बच्चों का आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी। नेशनल लोक अदालत आवेदक एवं अनावेदक आपसी राजीनामा कर 6000/- रूपये भरण-पोषण अदायगी हेतु समझौतानामा किया गया।
* रायपुर जेल में निरूद्ध बंदी का आनलाईन माध्यम से हुआ प्रकरण का निराकरण
राहुल चौधरी बनाम छ.ग. शासन प्रार्थी/आहत दीपक पांडे उर्फ चिन्ना के द्वारा अभियुक्त राहुल चौधरी के विरूद्ध मारपीट का प्रकरण चतुर्थ व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-दो के न्यायालय में सन् 2019 से विचाराधीन था। जिसमें आरोपी रायपुर जेल में दंडित बंदी के रूप में सजा काट रहा था। ऐसे में हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत में रायपुर से कोरबा की दूरी को मिटाते हुये आनलाईन के माध्यम से दंडित बंदी राहुल चौधरी एवं प्रार्थी के मध्य आपसी रजामंदी के द्वारा प्रकरण का निराकरण कर आरोपी राहुल चौधरी को धारा 341, 294, 506, 323 भा.द.वि. के अपराध से दोषमुक्त किया गया।