टाटा समूह को एअर इंडिया की कमान ऐसे समय मिली है, जब भारत में विश्वस्तरीय अंतरराष्ट्रीय उड़ान की जरूरत शिद्दत से महसूस की जा रही थी। 2019 में जेट एयरवेज बंद होने से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए घरेलू एयरलाइन का खालीपन बना हुआ था। यही कारण है कि भारत से विदेश जाने वाले यात्रियों में से 61% यानी करीब 4 करोड़ यात्री हर साल विदेशी एयरलाइन से उड़ान भरते थे। विशेषज्ञों का कहना है कि ये यात्री टाटा के लिए ट्रम्प कार्ड साबित होंगे।
नए प्रमोटर के पास पूंजी की कमी नहीं होगी
विशेषज्ञों के मुताबिक, एयर इंडिया
के पास विदेशी एयरलाइंस से भारतीय यात्रियों का मार्केट शेयर आकर्षित
करने का माद्दा है। कंपनी
के नए प्रमोटर के पास पूंजी
की कमी नहीं
होगी। एयरलाइन
के पास अमेरिका के JFK, ब्रिटेन के हीथ्रो
एयरपोर्ट समेत
उत्तरी अमेरिका,
यूरोप, जापान
और खाड़ी
देशों के अहम
एयरपोर्ट पर लैंडिंग और पार्किंग
स्लॉट हैं,
जिनकी संख्या
900 है।