नई दिल्ली । देश में कोरोना महामारी से थोड़ी राहत मिलने के साथ ही सरकार ने विमानन कंपनियों को राहत दी है। यात्री क्षमता को 72.5 फीसदी से बढ़ाकर 85 फीसदी कर दिया गया है। नागर विमानन मंत्रालय ने साथ किराये से संबंधित नियम भी बदल दिए हैं। हवाई किराये की निचली और ऊपरी सीमा महीने में केवल 15 दिन लागू रहेगी और विमानन कंपनी 16वें दिन से बिना किसी सीमा के शुल्क लेने के लिए स्वतंत्र होंगी। इस साल 12 अगस्त से लागू यह व्यवस्था फिलहाल 30 दिनों के लिए थी और विमानन कंपनियां 31वें दिन से बिना किसी सीमा के शुल्क ले रही थीं। मंत्रालय के एक नए आदेश के मुताबिक मान लीजिए तारीख 20 सितंबर है, तो किराया सीमा चार अक्टूबर तक लागू रहेगी। इस तरह 5 अक्टूबर या उसके बाद किसी भी तारीख को यात्रा के लिए 20 सितंबर को की गई बुकिंग को किराये की सीमा द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाएगा। यदि अगले दिन 21 सितंबर को बुकिंग की जाती है तो किराये की सीमा 5 अक्टूबर तक लागू होगी और छह अक्टूबर या उसके बाद की यात्रा के लिए किराये की सीमा लागू नहीं होगी।
देश में महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के बाद 25 मई, 2020 को उड़ान सेवाएं फिर शुरू होने पर विमान यात्रा की अवधि के आधार पर किराये की निचली और ऊपरी सीमा तय की थी। इस साल 12 अगस्त को घरेलू हवाई यात्रा महंगी हो गई थी। नागर विमानन मंत्रालय ने किराये की निचली और ऊपरी सीमा में 9.83 से 12.82 प्रतिशत की वृद्धि की थी। एमरजेंसी हवाई यात्रा पर सब्सिडी जारी रहेगी क्योंकि 15 दिन पहले बुक की जाने वाली टिकट पर सीमा बनी रहेगी, लेकिन अगर एक महीने पहले टिकट बुक की जाती है तो इस पर कोई किराये की सीमा नहीं होगी। 40 मिनट से कम अवधि की उड़ान के लिए न्यूनतम किराया 2,900 रुपए और अधिकतम 8,800 रुपए है। 180 से 210 मिनट की उड़ान अवधि के लिए न्यूनतम किराया 9,800 रुपए और अधिकतम 27,200 रुपए है।