इस्लामाबाद: जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने बृहस्पतिवार को अमेरिका से आग्रह किया कि उनके देश में हाल में हुए आम चुनावों में हुई ‘धांधली’ को लेकर उसे आवाज उठानी चाहिए। अगस्त, 2018 में प्रधानमंत्री बने खान को अप्रैल 2022 में अविश्वास मत के माध्यम से हटा दिया गया था। वर्तमान में, वह कई मामलों में सजा का सामना करते हुए रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद है। खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने आरोप लगाया है कि आठ फरवरी के आम चुनाव ‘निष्पक्ष रूप से संपन्न नहीं हुए’ और ‘चुनाव परिणामों में धांधली हुई है।’
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) समेत तीनों दलों में से किसी को भी आठ फरवरी को हुए आम चुनावों में नेशनल असेंबली में बहुमत हासिल करने के लिए आवश्यक सीटें नहीं मिली हैं। इसलिए इनमें से कोई भी दल अकेले सरकार बनाने में सक्षम नहीं है। इमरान खान की पार्टी ‘पीटीआई’ की ओर से समर्थित 100 से अधिक निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। लेकिन पार्टी ने आरोप लगाया है कि चुनावों में ‘धांधली’ हुई है।
अमेरिका से मांग रहे मदद
रावलपिंडी की अदियाला जेल में पार्टी नेताओं की एक बैठक के बाद ‘पीटीआई’ नेता असद कैसर ने मीडियाकर्मियों को बताया कि पार्टी ने उमर अयूब खान को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया है। कैसर ने कहा, ‘खान ने संदेश दिया है कि अमेरिका को चुनावों में कथित धांधली के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने (खान) कहा है कि अमेरिका ने समुचित ढंग से अपनी भूमिका नहीं निभाई है।’ ‘पीटीआई’ पदाधिकारी ने दावा किया कि खान का संदेश है कि ‘अमेरिका के पास एक मौका है और उसे चुनावों में धांधली के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।’
क्या बोला अमेरिका
उन्होंने कहा कि यदि वह (अमेरिका) लोकतंत्र का समर्थक है तो उसे आवाज उठानी चाहिए। इस बीच, अमेरिका ने पाकिस्तान में पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने का बुधवार को आह्वान किया था और कहा था कि पाकिस्तानी लोगों की इच्छा का सम्मान किये जाने की जरूरत है। इस बीच पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में हाल ही में संपन्न हुआ संसदीय चुनाव उसका आंतरिक मामला है। उसने इस बात पर बल दिया कि इस संबंध में उसका हर कदम उसके अपने संवैधानिक दायित्वों के अनुरूप है और किसी बाहरी सलाह से प्रभावित नहीं है।