भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के विवाद के बीच संजय सिंह ने तल्ख तेवर दिखाए हैं। उन्होंने कहा कि वह न तो भारतीय ओलिंपिक संघ की ओर से गठित एडहॉक समिति को मानते हैं और न ही मंत्रालय के निलंबन को स्वीकार करते हैं।
वहीं एडहॉक समिति की ओर से जयपुर में राष्ट्रीय चैंपियनशिप कराने की घोषणा के बाद संजय ने भी ऐलान कर दिया कि कि महासंघ राष्ट्रीय चैंपियनशिप कराने जा रहा है। चैंपियनशिप जरूर होगी। संजय सिंह का कहना है कि वह समिति के साथ सहयोग नहीं करेंगे और खुद राष्ट्रीय चैंपियनशिप कराएंगे।
उन्होंने कहा कि हम निलंबन को नहीं मानते हैं और महासंघ आराम से काम कर रहा है। साथ ही कहा कि समिति कैसे राष्ट्रीय चैंपियनशिप करा सकती है, जब राज्य संघ इसके लिए अपनी टीमें ही नहीं भेजेंगे। हम जल्द ही कार्यकारिणी की बैठक बुलाने जा रहे हैं और उनकी ओर से घोषित चैंपियनशिप से पहले ही राष्ट्रीय चैंपियनशिप कराएंगे। यह तय है कि अगर महासंघ राष्ट्रीय चैंपियनशिप कराता है तो यह विवाद और ज्यादा गहरा जाएगा।
मंत्रालय को दिया जवाब
संजय ने कहा कि वह मंत्रालय को निलंबन का जवाब देकर कह चुके हैं कि हमने किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। हमें उनके जवाब का इंतजार है। अगर वह हमारे साथ जुड़ाव नहीं रखना चाहते हैं तो हमारी भी उनके साथ जुड़ने में रुचि नहीं है।
कुश्ती महासंघ में बीते एक वर्ष से विवाद चल रहा है। रेसलर्स बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक ने महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
21 दिसंबर को हुए थे चुनाव
21 दिसंबर को ही WFI के चुनाव हुए थे, जिसमें भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह नए प्रेसिडेंट बने थे। नए अध्यक्ष की जीत के बाद WFI ने 28 दिसंबर से उत्तर प्रदेश के गोंडा में जूनियर नेशनल चैंपियनशिप टूर्नामेंट करने की घोषणा की थी। गोंडा भाजपा सांसद बृजभूषण का संसदीय क्षेत्र है।
इसके बाद WFI की नई बॉडी को खेल मंत्रालय ने 24 दिसंबर को सस्पेंड कर दिया। खेल मंत्रालय ने भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) से रेसलिंग फेडरेशन के मामलों के मैनेजमेंट के लिए एडहॉक कमेटी बनाने को कहा।
साक्षी ने कुश्ती छोड़ी, विनेश और बजरंग ने अवॉर्ड लौटाए
बृजभूषण के करीबी की जीत के विरोध में ही 21 दिसंबर को ओलिंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया था। इसके बाद 22 दिसंबर को पहलवान बजरंग पूनिया ने भी पद्मश्री लौटा दिया था। गूंगा पहलवान ने भी पद्मश्री लौटाने की घोषणा कर दी थी
वहीं 30 दिसंबर को रेसलर विनेश फोगाट ने खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड लौटाए थे। विनेश ने बीते शनिवार को कर्तव्य पथ पर पीएम के ऑफिस के बाहर अवॉर्ड रखे थे।
एडहॉक समिति की राष्ट्रीय चैंपियनशिप 2 फरवरी से होनी है
कुश्ती महासंघ के चुनाव के तीन दिन बाद खेल मंत्रालय ने कई अनियमितताओं का हवाला देकर उसे निलंबित कर दिया था। इसके बाद IOA ने भूपिंदर सिंह बाजवा की अगुवाई में तीन सदस्यीय तदर्थ समिति गठित की। जिसमें ओलिंपियन एमएम सोमाया और बैडमिंटन खिलाड़ी मंजूषा कंवर शामिल हैं।
समिति ने 30 दिसंबर को 2 से पांच फरवरी तक राष्ट्रीय चैंपियनशिप कराने की घोषणा की, साथ ही सभी राज्य संघों को हिदायत दी कि वे निलंबित महासंघ से वास्ता नहीं रखें।
भारतीय कुश्ती टीम का कैंप 9 फरवरी से सोनीपत व पटियाला में
भारतीय कुश्ती संघ की एडहॉक कमेटी ने राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप के बाद अब राष्ट्रीय कैंप को लेकर भी घोषणा कर दी है। राष्ट्रीय कैंप का आयोजन 9 फरवरी से किया जाएगा। पुरुष वर्ग का कैंप साई सेंटर सोनीपत में और महिलाओं का कैंप पटियाला में होगा। यह कैंप ओलिंपिक तक निरंतर चलेगा।
इस बीच कैंप में चुने जाने वाले पहलवान विदेश में आयोजित होने वाले प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लेंगे। राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप का आयोजन 2 से 5 फरवरी तक जयपुर में किया जा रहा है। इस प्रतियोगिता के आधार पर राष्ट्रीय कैंप के लिए पहलवानों का चयन भी किया जाएगा।
कमेटी के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बाजवा ने बताया कि 1 साल से विभिन्न कारणों के चलते भारतीय कुश्ती प्रभावित रही है, लेकिन नए साल में ऐसी कोई स्थिति नहीं बने। नेशनल कैंप की शुरुआत होगी। कैंप के दौरान सबसे पहली प्राथमिकता 19 से है। 21 अप्रैल तक कजाकिस्तान में होने बर वाले ओलिंपिक क्वालिफाइ टूर्नामेंट में अधिक से अधिक कोटा जीतने के लिए बेहतर तैयारी की जाएगी।