नई दिल्ली । रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से देश में धमाकों की गूंज और धुएं का गुबार दिख रहे हैं। लोग अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित ठिकाने ढूंढ़ रहे हैं। सैंकड़ों की संख्या में भारतीय भी वहां फंसे हैं। इसमें पूर्व नेशनल रैपिड चेस चैम्पियन अन्वेष उपाध्याय भी शामिल हैं।
30 साल के अन्वेष यूक्रेन की राजधानी कीव के एक अस्पताल से गेस्ट्रोएंटेरोलॉजी में अप्रेंटिसशिप कर रहे हैं। पहले उनकी प्लानिंग मार्च में भारत लौटने की थी। लेकिन रूस के हमले के बाद फ्लाइट्स बंद हो गईं हैं। ऐसे सें उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि आगे क्या होगा? वो फिलहाल, अपने अपार्टमेंट में अकेले हैं और वहां के हालात से डरे हुए हैं।
2017 के नेशनल रैपिड चेस चैम्पियन अन्वेष ने बताया कि हालात इस कदर बेकाबू हो जाएंगे, ऐसा सोचा नहीं था। रूस ने पूरी सैन्य ताकत के साथ यूक्रेन पर हमला बोला है। मैंने कभी कल्पना नहीं की थी। ऐसा कुछ होगा। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में 20 हजार भारतीय हैं और उसमें से 4 हजार बीते कुछ दिनों में भारत लौट गए हैं।
अन्वेष ने कहा कि उन्होंने पहले भी यूक्रेन में उथल-पुथल देखी है। उन्होंने 2013 के छात्र आंदोलन का जिक्र किया, जब राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच के यूरोपियन यूनियन के करीब आने से जुड़े एक समझौते पर हस्ताक्षऱ नहीं करने की वजह से देश में छात्रों ने आंदोलन छेड़ दिया था। लेकिन उन्होंने माना कि जैसी अराजकता और डर बीते कुछ दिनों में नजर आया, वैसा अनुभव उन्हें पहले कभी नहीं हुआ है।
उन्होंने यूक्रेन की मौजूदा स्थिति को लेकर कहा कि मैं 2013 के आंदोलन के वक्त भी देश में मौजूद था, तब भी हालात बुरे थे। लेकिन अभी डरावने हैं। अन्वेशष ने कहा, भारत में मेरे माता-पिता मुझे लेकर चिंतित हैं। इसी वजह से मैंने मार्च के पहले हफ्ते में यूक्रेन छोड़ने का प्लान बनाया था। वे मुझे लगातार फोन कर रहे हैं, जैसा कि मेरे स्कूल के टीचर कर रहे हैं। मैं यहां अपने अपार्टमेंट में अकेला हूं और मुझे नहीं पता कि स्टोर में क्या है?
हमला अचानक हुआ, तो कुछ नहीं कर सकते थे। उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने पहले यूक्रेन छोड़ने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें फ्लाइट का टिकट नहीं मिला। हालांकि, जैसे ही दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंचा और यह साफ हो गया कि अब युद्ध कभी भी छिड़ सकता है तो मैंने फौरन वहां से निकलने का फैसला किया।