नई दिल्ली। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने मोटा अनाज निर्यात बढ़ाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), भारतीय मोटा अनाज अनुसंधान संस्थान (आईआईएमआर) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी गई है। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि एमओयू का मुख्य ध्यान, निर्यात के लिए आईसीएआर-आईआईएमआर द्वारा विकसित प्रसंस्करण योग्य मोटे अनाज किस्मों की व्यावसायिक खेती को बढ़ावा देना होगा। इससे मोटे अनाज के मूल्य संवर्धन को बढ़ावा मिल सकता है। समझौता ज्ञापन के तहत परिकल्पित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एपीडा और आईसीएआर-आईआईएमआर के प्रतिनिधियों के साथ एक संयुक्त समन्वय समिति का गठन किया जाएगकि एमओयू का उद्देश्य आवश्यक आपूर्ति श्रृंखला लिंकेज, तकनीकी भंडारण, नैदानिक अध्ययन, जागरूकता निर्माण, नीति परिवर्तन और उद्यमियों के पाइपलाइन के साथ निर्यात-केंद्रित पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है। इसमें कहा गया है कि एपीडा और आईसीएआर-आईआईएमआर दोनों ही बाजारों की समझ, उपभोक्ता की पसंद, उभरते क्षेत्रों, निर्यात प्रतिस्पर्धा का विश्लेषण, बाजारों की कीमत में उतार-चढ़ाव और मानकों, विनियमों और व्यापार नीतियों पर बाजार की खुफिया जानकारी विकसित करने के लिए काम करेंगे। बड़ी मात्रा में उत्पादन के लिए निर्यात समूहों की पहचान करने और एफपीओ के साथ अंशधारकों को जोड़ने के लिए सभी प्रमुख अंशधारकों के सहयोग से ज्वार-बाजरा निर्यात संवर्धन मंच का निर्माण दोनों प्रतिष्ठित संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।