रायपुर। विष्णुदेव सरकार गठन के नौ माह बाद आखिरकार अब निगम, मंडल, आयोग और प्राधिकरणों में नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है। भारतीय जनता पार्टी की उच्च स्तरीय बैठक में नियुक्तियां तीन चरणों में करने का फैसला लिया गया है।
तय हुआ है कि पहले चरण में प्राधिकरणों में नियुक्तियां की जाएंगी। इनमें सक्रिय और वरिष्ठ विधायकों को मौका मिलेगा। खासतौर पर ऐसे विधायक जो काबिलियत होने के बाद भी मंत्री नहीं बन पाए हैं। सरकार और संगठन ऐसे विधायकों को प्राधिकरणों में अहम पद देगी। सूत्रों के अनुसार नियुक्तियों को लेकर बीते दिनों मुख्यमंत्री निवास में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई।
इसमें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ चुनिंदा मंत्रीभाजपा संगठन के पदाधिकारीशामिल हुए। बैठक में निगम, मंडल, आयोग और प्राधिकरण की सूची पर मंथन किया गया। कुल पदों और दावेदारों के संदर्भ में भी चर्चा की गई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि नियुक्तियां एक साथ न करके तीन चरणों में की जाएं। तीसरे चरण में निगमों की नियुक्तियां की जाएंगी। निगम अध्यक्षों के साथ-साथ निगम सदस्यों की भी बड़ी सूची जारी की जाएगी।
तीनों चरणों में प्रदेशभर के भाजपा कार्यकर्ताओं को उनकी काबिलियत, निष्ठा और सक्रियता के आधार पर पद दिया जाएगा। बैठक में यह तय किया गया है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सलाहकार के तौर पर अभी किसी की नियुक्ति नहीं की जाएगी। चर्चा थी कि जल्द ही दो सलाहकारों की नियुक्ति की जाएगी। उनके नाम भी चर्चा में आए थे, लेकिन उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार फिलहाल किसी को भी सलाहकार बनाए जाने की कोई योजना नहीं है।
पहले चरण में प्राधिकरण
बैठक में तय किया गया है कि पहले चरण में छत्तीसगढ़ के विभिन्न प्राधिकरणों में नियुक्तियां की जाएंगी। प्राधिकरणों में विधायकों को अवसर दिया जाएगा। अलग-अलग संभाग से जुड़े प्राधिकरणों में उस क्षेत्र के विधायकों को एडजस्ट किया जाएगा। साथ ही ध्यान रखा जाएगा कि संगठन में लंबे समय से सक्रिय और वर्तमान में बेहतर काम करने वाले विधायकों को अवसर मिल सके। संगठन ने अपने स्तर पर मंथन भी प्रारंभ कर दिया है।