सीएए के अनुच्छेद भारत के संविधान का उल्लंघन कर सकते हैं... बाज नहीं आ रहा अमेरिका, भारत को मुस्लिमों पर दिया 'ज्ञान'
Updated on
22-04-2024 02:11 PM
वॉशिंगटन: अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से लेकर मानवाधिकारों के मुद्दे पर भारत को ज्ञान दे रहा अमेरिका बाज नहीं आ रहा है। अमेरिका संसद की एक स्वतंत्र शोध इकाई द्वारा जारी एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि भारत में इस वर्ष लागू किये गये नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के प्रावधानों से भारतीय संविधान के कुछ अनुच्छेदों का उल्लंघन हो सकता है। भारत के 1955 के नागरिकता अधिनियम में संशोधन कर इस साल मार्च में सीएए को लागू किया गया है। इससे पहले भारत ने अमेरिकी बयानों को लेकर करारा जवाब दिया था।'कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस)' की 'इन फोकस' रिपोर्ट में दावा किया गया कि सीएए के प्रमुख प्रावधानों से भारतीय संविधान के कुछ अनुच्छेदों का उल्लंघन हो सकता है। सीएए के तहत, 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता मिलेगी। भारत सरकार और सीएए के अन्य समर्थकों ने दावा किया है कि इसका उद्देश्य पूरी तरह से मानवीय है। भारत सरकार ने सीएए के खिलाफ की गई आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि इसे "वोट-बैंक की राजनीति" का नाम नहीं देना चाहिए जबकि ये संकट में फंसे लोगों की मदद के लिए एक 'प्रशंसनीय पहल' है।