मुंबई । मुंबई समुद्र तट पर क्रूज ड्रग्स केस में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को कोर्ट से जमानत मिलने के बाद उनकी रिहाई की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने ऑपरेटिव ऑर्डर जारी करते हुए आर्यन के साथ ही अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को जमानत दे दी थी। शुक्रवार दोपहर करीब 3:30 बजे कोर्ट से ऑर्डर कॉपी भी जारी हो गई है। आर्यन खान को 1 लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है। जस्टिस नितिन साम्ब्रे की अदालत ने तीनों अभियुक्तों की जमानत के साथ 14 शर्तें भी जोड़ी हैं।
आवेदक आरोपी नंबर 1 - आर्यन शाहरुख खान, आरोपी नंबर 2 - अरबाज ए मर्चेंट और आरोपी नंबर 3 - मुनमुन अमित कुमार धमेचा को 2021 के सीआर नंबर 94 में एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के तहत दंडनीय अपराध के लिए शर्तों पर रिहा करने का आदेश दिया जाता है।
1- हर आवेदक/अभियुक्त को 1 लाख रुपए का निजी मुचलका भरना होगा।
2- आवेदक/अभियुक्त किसी भी ऐसी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे, जो एनडीपीएस एक्ट के खिलाफ है और जिसके आधार पर सीआर के तहत उनके खिलाफ अपराधों के लिए मामला दर्ज है।
3- आवेदक/अभियुक्त इस मामले में किसी भी सह-आरोपी या किसी ऐसी व्यक्ति के साथ किसी भी तरह का कोई संपर्क नहीं रखेंगे, जो सीधे तौर पर परोक्ष रूप से इस तरह की गतिविधियों में शामिल हैं।
4- आवेदक/अभियुक्त कोई ऐसा काम नहीं करेंगे जो कोर्ट की कार्यवाही और जांच को प्रभावित करे।
5- आवेदक/अभियुक्त न तो खुद और न ही किसी और के द्वारा गवाहों को या सबूतों से छेड़छाड़ या उन्हें प्रभावित करने की कोशिश करेंगे।
6- आवेदक/अभियुक्त को अपना पासपोर्ट तत्काल प्रभाव से स्पेशल कोर्ट में जमा करना होगा।
7- आवेदक/अभियुक्त स्पेशल कोर्ट में चल रही कार्यवाही के संबंधित किसी तरह का कोई बयान किसी भी रूप में मीडिया को नहीं देंगे। प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ ही सोशल मीडिया पर भी इससे जुड़ा कुछ नहीं लिखेंगे या कहेंगे।
8- आवेदक/अभियुक्त बिना एनडीपीएस स्पेशल जज के आदेश के देश छोड़कर नहीं जा सकते हैं।
9- यदि आवेदक/अभियुक्त को ग्रेटर मुंबई से बाहर जाना है, तो उन्हें पहले केस के जांच अधिकारी को इसकी सूचना देनी होगी। साथ ही जहां जा रहे हैं, उसकी पूरी योजना अधिकारी को सौंपनी होगी।
10- आवेदक/अभियुक्त को हर शुक्रवार सुबह 11 बजे से 2 बजे के बीच एनसीबी के मुंबई दफ्तर में हाजिरी लगानी होगी।
11- आवेदक/अभियुक्त को केस से जुड़ी कोर्ट की हर कार्यवाही में शामिल होना होगा। जब तक कि कोई खास कारण न हो, छूट नहीं मिलेगी।
12- आवेदक/अभियुक्त को जांच में सहयोग करना होगा। जबकि भी उन्हें एनसीबी का समन भेजा जाता है, पेश होना होगा।
13- जब मामले में ट्रायल शुरू होगा तब आवेदक/अभियुक्त किसी भी रूप में मुकदमे में देरी करने की कोशिश नहीं करेंगे।
अंत में यदि आवेदक/अभियुक्त इनमें से किसी भी शर्त का उल्लंघन करते हैं तो एनसीबी सीधे स्पेशल जज/कोर्ट से जमानत रद्द करने की अपील कर सकती है।