नई दिल्ली : उद्योग संगठन एसोचैम ने आईटीसी सनफीस्ट के साथ मिलकर 'आत्मनिर्भर भारत : वोकल फॉर लोकल - आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते कदम' की थीम पर आयोजित विज्डम सिरीज के उद्घाटन सत्र में विश्व प्रसिद्ध मानवतावादी और आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर के साथ मिलकर एक वैचारिक नेतृत्व आधारित कार्यक्रम का आयोजन किया है। एक वेबिनार में गुरुदेव श्रीश्री रवि शंकर और उद्योग जगत के अग्रणी लोगों ने इस बात पर जोर दिया कि किस तरह से स्थानीय एमएसएमई और उद्योगों को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने की दिशा में भारतीय उत्पादों और उपभोक्ताओं की भूमिका को रेखांकित करते हुए श्रीश्री रवि शंकर ने कहा कि किसी उत्पाद को उसके उत्पादन वाले क्षेत्र से जोड़कर प्रस्तुत करना स्थानीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने का बेहतर तरीका हो सकता है, क्योंकि ब्रांड तैयार करने और उसकी मार्केटिंग में सहायता मिलेगी। इसके बाद उन्होंने मैसूर की चंदन की लकडिय़ों, मुरादाबाद के पीतल के कारोबार, बेंगलुरु सिल्क, आगरा और मथुरा के पेठे व अन्य ऐसे ही उत्पादों का उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा, 'इस तरह से पहले हमारे देश में हर प्रांत किसी उत्पाद से जुड़ा रहा है। मेरी समझ से चीन की बेहतर आर्थिक प्रगति के पीछे एक कारण यह भी है कि उन्होंने भी इसी तरह अपने प्रांतों को उत्पादों के साथ जोड़ा है। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बढऩे का यह अच्छा तरीका हो सकता है।'
उन्होंने आगे कहा कि अगर भारतीय उपभोक्ता स्थानीय उत्पादों का समर्थन नहीं करेंगे तो आगे बढऩा मुश्किल होगा। हमें अपने उत्पादों का समर्थन करना होगा। स्थानीय उत्पाद खरीदें और वैश्विक सोच रखें। हमें इसी विचार पर बढऩा होगा। मौजूदा आर्थिक स्थिति और इसमें सुधार में आत्मनिर्भर भारत के योगदान पर उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि अभी भले ही स्थिति मुश्किल लग रही हो, लेकिन हम इस महामारी की स्थिति से बहुत बेहतर तरीके से उबरकर सामने आएंगे। इसके लिए हमें मजबूत मन और अटूट विश्वास की जरूरत होगी और हमें यह विश्वास रखना होगा कि जब मन मजबूत होता है तो मनुष्य कुछ भी प्राप्त कर सकता है।' इसके बाद उन्होंने मौजूदा समय में तनाव को दूर रखने के लिए योग एवं ध्यान के माध्यम से मानसिक स्वच्छता की दिशा में प्रयास के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि सकारात्मक सोच से व्यक्ति की प्रतिरक्षा शक्ति भी मजबूत हो सकती है। उन्होंने कहा, 'भविष्य की चिंता से न केवल हमारी ऊर्जा क्षीण होती है, बल्कि हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) भी कमजोर होता है। यह समय अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करने का नहीं है। इसलिए सकारात्मक सोच, ध्यान और कुछ भी ऐसा करना चाहिए जिससे हमारा मन मजबूत हो और भावना प्रबल हों।' उन्होंने बताया कि येल में हुए एक अध्ययन के मुताबिक, सुदर्शन क्रिया करने से छात्रों में छह स्थितियों में लाभ देखे गए : अवसाद, तनाव से उन्हें मुक्ति मिली, मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हुआ, मन प्रसन्नचित्त हुआ, सकारात्मकता बढ़ी और सामाजिक रूप से लोगों से उनका जुड़ाव भी बढ़ा।
इस संवाद के दौरान एसोचैम के प्रेसिडेंट डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने बताया कि किस तरह से लॉकडाउन ने हमारे बच्चों, विशेषरूप से छात्रों को डिजिटल कम्युनिकेशन की ओर मोड़ा है और उन्हें एक-दूसरे से जुड़े रहने में मदद मिली है। अपने विचार साझा करते हुए एसोचैम एफएमसीजी ब्रांड प्रमोशन एंड प्रोटेक्शन काउंसिल के चेयरमनै अनिल राजपूत ने कहा, 'हमें भारत केंद्रित एक व्यापक प्रयास की जरूरत है, जहां भारत को एक वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए सभी संबंधित लोग एकजुट होकर सोचें। प्रधानमंत्री की ओर से लोकल के वोकल होने की अपील ने भविष्य में एक मजबूत आत्मनिर्भर भारत बनने की नींव रख दी है और अब समय है कि इस लक्ष्य की दिशा में हम सब अर्थपूर्ण तरीके से अपनी भूमिका निभाएं।'
एसोचैम के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट विनीत अग्रवाल ने जोर दिया कि आत्मनिर्भर भारत के लिए देश के हर व्यक्ति और युवा में कौशल विकास की जरूरत है, जिससे उनमें आत्मनिर्भर भारत बनाने के प्रति गर्व का भाव आए। उन्होंने आगे कहा कि एक विचारधारा और परिणाम के रूप में आत्मनिर्भरता
एक-दो साल चलने वाली चीज नहीं है, बल्कि से यह हमेशा रहेगी और भारत को मजबूत बनाएगी।
एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने आत्मनिर्भर भारत की क्षमताओं पर विचार रखा और बताया कि कैसे यह भारत को एक वैश्विक उत्पादन केंद्र में बदल सकता है। उन्होंने कहा, 'मेरे लिए एक उच्च क्षमता वाला समावेशी और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी भारत बनाना ही मेरे लिए आत्मनिर्भर भारत है।
यह भारत को वैश्विक आपूर्ति शृंखला से जोड़ेगा और इसे ऐसा देश बनाएगा, जहां सब आना चाहेंगे। भारत में अपार प्रतिभाएं हैं और व्यापक राष्ट्रीय
धरोहर है, जो इस बात की प्रतीक्षा में है कि भारतीय और दुनियाभर की कंपनियां इसका लाभ उठाएं। सत्र के अंत में एसोचैम के ऑफिशियल पेज पर एक नया तैयार किया गया सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एलिमेंट्स' भी लॉन्च किया गया, जिसे आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत तैयार किया गया है। एलिमेंट्स भारत का अपना सुपर एप है, जिसे माननीय उपराष्ट्रपति ने देश के लिए लॉन्च किया था।