भोपाल / भारतीय पकवानों में बहुत सारी विविधतायें हैं। खाने-पीने के सामानों को लेकर हर जगह की अपनी खासियत होती है और कई पारंपरिक व्यंजन उस क्षेत्र से जुड़े होते हैं। खान-पान की यह विविधता भारत की एक सबसे बड़ी विशेषता भी है। वर्ल्ड फूड डे के अवसर पर, भोपाल की रहने वाली एण्डटीवी की कलाकार सारा खान, जोकि “संतोषी मां सुनाये व्रत कथाएं' में पॉलोमी की भूमिका निभा रही हैं, ने भोपाल के अपने पसंदीदा स्थानीय पकवानों और फूड डेस्टिनेशन्स के बारे में बात की। सारा खान ने कहा, "भोपाल को झीलों का शहर भी कहा जाता है। यह शहर न सिर्फ अपनी हरियाली और सौंदर्य के लिये मशहूर है, बल्कि इसे यहां की खाने-पीने की चीजों के लिये भी जाना जाता है। खाने के शौकीनों के लिये भोपाल जन्नत है। यहां पर तरह-तरह के और अनूठे स्वाद चखने को मिलते हैं। मैं जब भी भोपाल जाती हूं, पुराने भोपाल की इतवार चौक में स्थित जमाल भाई की टी शॉप की सुलेमानी चाय से अपने दिन की शुरूआत करना पसंद करती हूं। भोपाल नवाबों का शहर है और इसलिये यह नॉन-वेजिटेरियन लोगों के लिये स्वर्ग के जैसा है। मुझे कबाब बहुत अच्छे लगते हैं और पुराने भोपाल में जमील्स की दुकान पर मिलने वाले कबाब की तो बात ही कुछ और है। यहां पर बेस्ट कबाब और पाया सूप मिलता है! कोह-हे-फिज़ा के पास फिलफोरा में मिलने वाला शाही टुकड़ा एक बेस्ट डेजर्ट है और यदि आप भोपाल में हैं, तो आपको इसका स्वाद जरूर चखना चाहिये। इस शहर सबसे बड़ी खासियत है भोपाली पान, जो आपको पूरे शहर में मिल सकते हैं। यह पान कोई साधारण पान नहीं है, बल्कि भोपाल का एक आर्ट है, जिस पर भोपालियों को बहुत गर्व हैहम सभी बहुत खुशकिस्मत हैं कि हमें दिन में तीन बार खाना मिलता है, लेकिन ऐसे भी लोग मौजूद हैं, जिन्हें एक वक्त का खाना भी नसीब नहीं हो पाता है। प्लीज खाना बर्बाद न करें, बल्कि उसे जरूरतमंदों को दे दें। इस बार वर्ल्ड फूड डे पर भूखों को भोजन करायें
तो यदि आपने अभी तक भोपाल के स्थानीय पकवानों का स्वाद नहीं चखा है, तो आप वाकई में एक बहुत बड़ी चीज मिस कर रहे हैं!
सारा खान को पॉलोमी के रूप में देखिये, 'संतोषी मां सुनाये व्रत कथाएं' में हर सोमवार से शुक्रवार, रात 9.00 बजे, सिर्फ एण्डटीवी पर!