बिलासपुर । नए सत्र से बिलासपुर की गांधी प्रतिमा के सामने स्थित शासकीय बहुद्देश्यीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उत्कृष्ट हिंदी माध्यम शाला बन जाएगी। यहां पढ़ाई का पैटर्न भी बदल जाएगा। शिक्षा अधिकारी ए के कौशिक ने मीडियान्तर को बताया कि जिस तरह स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का पैटर्न बदला है उसी तरह हिंदी माध्यम शालाओं को भी उन्नत किया जा रहा है .
इसके लिए शिक्षा विभाग ने कुल 32 स्कूलों का चयन किया है जिसमें बिलासपुर की शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला शामिल है . इन स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर अब अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की तरह हो जाएगा जिसमें नए फर्नीचर, उन्नत लाइब्रेरी और अत्याधुनिक लैब तैयार किए जाएंगे . बच्चों के लिए इंडोर खेलों की व्यवस्था भी की जाएगी . उत्कृष्ट स्कूलों का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी . स्कूल के संचालन का जिम्मा जिला कलेक्टर का होगा .
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रत्येक जिला मुख्यालय के प्रमुख शासकीय स्कूल को उत्कृष्ट बनाने के लिए चयनित किया गया है . रायगढ़ में सरदार वल्लभभाई पटेल शाला, कोरबा में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जांजगीर में शासकीय बहुउद्देशीय शाला, खोखरा भाटा हाईस्कूल सक्ती, शासकीय शाला पेंड्रा. बीआरसी स्कूल मुंगेली, स्वामी करपात्री शाला कवर्धा, आदर्श बालक शाला सूरजपुर, बालक शाला बलरामपुर, बालक शाला जशपुर सहित 32 स्कूलों का चयन किया गया है . नए सत्र से इन स्कूलों में उच्च स्तर की शिक्षा दी जाएगी।
बिलासपुर की शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला के प्राचार्य श्री गौरहा ने बताया कि नई योजना के अनुसार स्कूल का इंफ्रास्ट्रक्चर बदलेगा इसलिए शिक्षकों की सहमति और असहमति ली जा रही है . उन्होंने बताया कि गवर्नमेंट मल्टीपर्पज स्कूल 1910 में बना था . इस स्कूल में वृहद् मध्यप्रदेश और उसके बाद छत्तीसगढ़ के बहुत से उच्च अधिकारी अध्ययन प्राप्त कर चुके हैं।
गवर्नमेंट स्कूल के पुराने छात्र और शाला विकास समिति के अध्यक्ष रहे दीपक लाडीकर ने बताया कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव आरपी मंडल और शहीद पुलिस अधिकारी विनोद चौबे सहित अनेक उच्च अधिकारी, डॉक्टर, इंजीनियर इसी स्कूल के छात्र रहे हैं .