वेस्टइंडीज़ के ऑलराउंड ड्वेन ब्रावो ने टी20 विश्वकप क्रिकेट के सुपर 12 मैच में श्रीलंका के हाथों मिली करारी हार के बाद खेल से संन्यास की घोषणा कर दी। यह दूसरी बार है जब ब्रावो ने खेल को अलविदा कहा है।
इससे पहले वेस्टइंडीज को सुपर 12 के अपने तीसरे मैच में श्रीलंकाई टीम ने 20 रनों से हरा दिया। यह वेस्टइंडीज टीम की लगातार तीसरी हार थी। हार से दुखी ब्रावो ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। 38 साल के ब्रावो ने साल 2019 में कहा था कि वह अपनी टीम को फिर से चैंपियन बनाने के लिए टीम में वापसी कर रहे हैं। अब तक सभी 7 टी-20 कप में खेलने वाले ब्रावो ने साल 2012 और 2016 में अपनी टीम को चैंपियन बनाया था.
श्रीलंका के खिलाफ हार के बाद ब्रावो ने कहा, ‘मुझे लगता है कि मेरा समय आ गया है। मेरा काफी अच्छा करियर रहा। मैंने 18 साल तक वेस्टइंडीज़ के लिए क्रिकेट खेली हालांकि मेरे करियर में कुछ उतार-चढ़ाव भी रहे। मैं इस क्षेत्र और कैरेबियाई लोगों का इतने लंबे समय तक प्रतिनिधित्व करने के लिए बहुत आभारी हूं।
मुझे इस बात का गर्व है कि हमलोग विश्व मंच पर अपनी अलग छाप छोड़ने में सफल रहे’ ब्रावो ने कहा कि वह भविष्य में वो युवा क्रिकेटरों को आगे लाने के प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा, ‘मेरे जो भी अनुभव और जानकारी है, युवा खिलाड़ियों को उसे देने की कोशिश करना चाहता हूं। मुझे लगता है कि सफेद गेंद के प्रारूप में वेस्टइंडीज क्रिकेट का भविष्य उज्ज्वल है और हमारे लिए ये अहम है कि हम लोगों का समर्थन करते रहें और उन्हें प्रोत्साहित करते रहें।’
फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलते रहेंगे
ब्रावो ने कहा है कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से जरुर संन्यास ले लिया है पर वह अभी भी अगले कुछ वर्षों तक फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलना चाहते हैं। ब्रावो ने कहा कि उन्होंने युवा खिलाडिय़ों को अवसर देने के लिए ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा है। यह दूसरी बार है जब ब्रावो ने खेल को अलविदा कहा है। इस खिलाड़ी ने टीम को फिर से खिताब दिलाने के लिए साल 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की थी पर उससे कोई लाभ नहीं हुआ। वेस्टइंडीज टीम इस बार पांच मैचों में से केवल एक मैच जीत पायी और टूर्नामेंट से बाहर हो गयी। ब्रावो ने कहा कि जब तक मेरा शरीर फिट रहेगा और साथ देगा, मैं कुछ और वर्षों तक फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलता रहूंगा। ब्रावो ने कहा कि मेरा लक्ष्य कुछ साल पहले ही संन्यास लेना था, पर वेस्टइंडीज क्रिकेट प्रबंधन में आये बदलाव के कारण मैंने अपना फैसला बदला। मैं शारीरिक रूप से फिट था और वेस्टइंडीज को पुराना गौरव वापस लौटाना चाहता था। मैं अपने क्रिकेट का आनंद ले रहा था। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह मेरे लिए खेल (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट) को अलविदा कहने का सही समय है। इससे अगली पीढ़ी और युवा खिलाडिय़ों को टीम में आने का मौका मिलेगा, जिनके साथ मेरी बहुत अच्छी दोस्ती है।