कोरबा कोरबा शहर में दुर्लभ प्रजाति का सांप देखा गया है। कोई जंगल में नहीं बल्कि शहर के बीच संजय नगर बस्ती के एक मकान में चमकीला और सफेद रंग का खूबसूरत सांप मिला है। सांप को देखने के लिए मौके पर लोगों की भीड़ लग गई हालांकि किसी ने इसे नुकसान नहीं पहुंचाया। सूचना मिलते ही सर्पमित्र जितेंद्र सारथी मौके पर पहुंचे और सांप को रेस्क्यू कर जंगल में आजाद कर दिया।
कोरबा के घने जंगलों में विभिन्न प्रकार के जीव जंतुओं की भरमार है खास तौर पर यहां सांपों की बहुतायत प्रजाति मौजूद है। हालात तो ऐसे हैं कि अब जहरीली और खतरनाक सांप इंसानी बस्तियों को ही अपना आशियाना बना रहे हैं। कोरबा के संजय नगर बस्ती में रहने वाले विमल यादव के घर के दरवाजे के ऊपर एक चमकीला जीव देखा। पहले तो उन्हें कुछ समझ नहीं आया।लेकिन फुफकार सुनकर उनके होश फाख्ता हो गए। तब पता चला कि उनका सामना सांप से हुआ है। यह पहला मौका था जब इलाके में सफेद रंग का सांप देखा गया था। ऐसे में लोग हैरान तो थे ही काफी सहमे हुए भी थे। सांप को बाहर निकालना तो दूर उसके करीब जाने से भी लोग घबरा रहे थे। सफेद सांप देखे जाने की खबर आम होते ही मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। हालांकि किसी ने सांप को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की, बल्कि इसकी सूचना सर्पमित्र जितेंद्र सारथी को दी गई। सूचना मिलते ही जितेंद्र मौके पर पहुंचे। तो देखा कि सफेद चमकदार सांप कुंडली मारे बैठा है। जितेंद्र मौके पर पहुंचे और सांप को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया। जितेंद्र ने बताया कि आमतौर पर सफेद रंग का सांप कम ही देखने को मिलता है। उन्होंने बताया कि यह कॉमन वाल्फ प्रजाति का सांप है। खास बीमारी एल्बिनो के कारण सांप का रंग सफेद हो गया है। हालांकि यह सांप पूरी तरह से स्वस्थ है। वन विभाग को जानकारी देने के बाद सर्प को जंगल में आजाद कर दिया गया।
* 100 में से एक सांप को होती है ये बीमारी
“एल्बिनो” सांपों में होने वाली खास बीमारी है। बीमारी के असर से सांप का नेचुरल रंग बदलकर सफेद हो जाता है। हालांकि यह सिर्फ स्किन प्रभावित करती है, इससे सांप के जान को कोई खतरा नहीं होता।विशेषज्ञों की माने तो 100 में से 1 सांप को ही ये बीमारी होती है। इसका असर किसी भी प्रजाति के सांप के स्किन पर हो सकता है। आमतौर पर सफेद सांप रेयर कंडीशन में ही मिलते हैं जिसके कारण वाइट स्नेक को देखकर लोग काफी भयभीत होते हैं।
* नॉन वेनमस स्नेक है कॉमन वाल्फ
कॉमन वाल्फ को हिंदी में करैत कहा जाता है। यह सांप पूरी तरह से नॉनवेनॉमस है। इसमें एक बूंद भी जहर नहीं पाया जाता। मेंढक और चूहे के शिकार करने के फेर में यह रिहायशी इलाकों में पहुंच जाता है। जितेंद्र सारथी बताते हैं की इससे पहले भी कोरबा के जंगल में सफेद रंग का सांप देखा जा चुका है। बीमारी के चलते ही सही लेकिन सांप का सफेद रंग काफी आकर्षक और खूबसूरत दिखता है। इस सांप से डरने की कोई जरूरत नहीं है, बल्कि इस सुंदर स्नेक को बचाने की मुहिम चलानी होगी। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों से आम लोग सांपों को लेकर काफी जागरूक हुए हैं। जिससे हमारा मिशन भी कामयाब होता नजर आ रहा है।