कनाडा की पुलिस ने दावा किया है कि उसने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के 3 आरोपियों को शुक्रवार (3 मई) को गिरफ्तार कर लिया है। कनाडाई न्यूज एजेंसी CBC की रिपोर्ट के मुताबिक, एडमंटन शहर से गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी भारतीय हैं।
इन पर पुलिस कई महीनों से नजर रखे हुई थी। पुलिस को यकीन है कि इन्हें भारत ने निज्जर को मारने का काम सौंपा था। पुलिस ने कहा कि आरोपियों के नाम करण ब्रार, करणप्रीत सिंह और कमलप्रीत सिंह हैं। तीनों की उम्र 20-30 साल के बीच है।
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, तीनों आरोपियों के गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की गैंग से भी संपर्क हैं। ये सभी 2021 में टेंपरेरी वीजा लेकर कनाडा गए थे। इन पर फर्स्ट डिग्री मर्डर और हत्या की साजिश रखने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा है कि बाकी आरोपियों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
हत्या में तीनों आरोपियों की अलग-अलग भूमिका
कनाडाई पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, निज्जर की हत्या को अंजाम देने में तीनों आरोपियों ने अलग-अलग भूमिका निभाई। इनमें से एक पर निज्जर की लोकेशन पता करने की जिम्मेदारी थी। दूसरा आरोपी ड्राइवर था और तीसरे ने उस पर गोली चलाने का काम किया।
आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद कनाडा के पब्लिक सेफ्टी मिनिस्टर डोमिनिक लेबलांक से निज्जर हत्या केस में सवाल पूछे गए। उन्होंने इसमें भारत का हाथ होने की आशंका को खारिज नहीं किया है।
लेबलांक ने कहा- मुझे कनाडा की सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस पर पूरा भरोसा है। पुलिस ने निज्जर हत्या केस को काफी गंभीरता से लिया है। इसके भारत से लिंक होने या न होने का जवाब पुलिस बेहतर तरह से दे पाएगी।
PM ट्रूडो ने भारत पर लगाया था निज्जर की हत्या का आरोप
18 जून, 2023 की शाम को सरे शहर के एक गुरुद्वारे से निकलते समय निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। प्रधानमंत्री ट्रूडो ने पिछले साल 18 सितंबर को भारत सरकार पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने खारिज किया था।
मामले में एक्शन लेते हुए कनाडा की ट्रूडो सरकार ने भारत के एक सीनियर डिप्लोमैट को देश से निकाल दिया था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ता चला गया। हालांकि बाद में ट्रूडो ने कई बार भारत से रिश्ते बनाए रखने की बात कही थी।
भारत ने कनाडा के 41 डिप्लोमैट्स को निकाला था
कनाडा के आरोपों के बाद भारत ने वहां के लोगों के लिए वीजा सेवाएं सस्पेंड कर दी थीं। 41 कनाडाई डिप्लोमैट्स को भी हटा दिया था। हालांकि, बाद में डिप्लोमैटिक लेवल पर बातचीत हुई और कुछ महीनों बाद वीजा सेवाएं बहाल कर दी गई थीं।
कनाडा ने कहा था कि वह इस हत्या में भारत के शामिल होने के सबूत देगा, जो उसने अब तक नहीं दिए हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर अलग-अलग मंचों से कई बार ट्रूडो सरकार पर खालिस्तानी आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाते रहे हैं। हालांकि, कुछ दिन पहले कनाडा की विदेश मंत्री ने कहा था कि भारत निज्जर की हत्या की जांच में सहयोग कर रहा है।
90 सेकेंड में दिया था वारदात को अंजाम
द वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ महीनों पहले इस हत्याकांड से जुड़ा 90 सेकेंड का एक CCTV फुटेज जारी किया गया था। इसमें निज्जर ग्रे पिकअप ट्रक को पार्किंग से बाहर निकलता दिखाई दिया था।
इसके बाद हमलावर सिख गेटअप में आते हैं। उन्होंने 2 कारों से निज्जर के पिकअप ट्रक का काफी समय तक पीछा किया था। कुछ देर में हत्यारों की कार ट्रक के सामने आ गई। इस पर निज्जर ने ट्रक रोक दिया। इसके बाद कार से 2 लोग काली स्वेटशर्ट पहनकर बाहर निकले। उन्होंने निज्जर पर काफी देर तक गोलियां चलाईं और फिर कार में बैठकर फरार हो गए।
पुलिस को दो युवकों ने बयान भी दिए थे, जो घटना के वक्त पास ही एक ग्राउंड में खेल रहे थे। उन्होंने बताया कि आरोपियों के मुंह ढंके हुए थे। उन्होंने निज्जर पर ऑटोमेटिक वेपन से करीब 50 राउंड फायर किए और फरार हो गए। पुलिस के मुताबिक, निज्जर के शरीर पर करीब 34 गोलियां लगी थीं।
एक आरोपी सिख गेटअप में और दूसरा विदेशी था
युवकों ने पुलिस को बताया कि गोलियां चलाने वाला एक आरोपी सिख गेटअप में आया था। वहीं, दूसरा व्यक्ति विदेशी लग रहा था। सिख युवक के सिर पर पगड़ी थी। उसने हुडी और पाजामा पहना हुआ था। उसके चेहरे पर छोटी दाढ़ी थी। चेहरा ढका हुआ था। कद पांच फीट से ज्यादा था।
कुछ महीनों पहले कनाडा की पुलिस ने दावा किया था कि उन्होंने निज्जर के मामले में आरोपियों की पहचान कर ली है, और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।