भारत सरकार ने कनाडा के अखबार कनाडाई अखबार द ग्लोब एंड मेल की उस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि भारतीय प्रधानमंत्री को हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की साजिश के बारे में पहले से जानकारी थी। भारत ने इसे लेकर कहा कि यह उसे 'बदनाम करने का अभियान' है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम आमतौर पर मीडिया रिपोर्ट पर टिप्पणी नहीं करते हैं। हालांकि, इस तरह के 'बेतुके' और हास्यास्पद बयानों को उसी तरह खारिज किया जाना चाहिए जिसके वे हकदार हैं। रणधीर जायसवाल ने आगे कहा, इस तरह के गलत बयानी हमारे पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और नुकसान पहुंचाती है।
रिपोर्ट में दावा- डोभाल और जयशंकर को भी जानकारी थी
कनाडाई अखबार की रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि कनाडा की सिक्योरिटी एजेंसियों को शक है कि भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी इस साजिश के बारे में पहले जानकारी थी। निज्जर की हत्या के मामले में यह पहली बार है जब सीधे PM मोदी पर आरोप लगाए गए हैं। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि इसे लेकर कनाडा सरकार के पास कोई ठोस सबूत नहीं है।
G20 समिट में मिले PM मोदी और ट्रूडो
इससे पहले ब्राजील में G20 समिट के दौरान PM मोदी और कनाडाई PM जस्टिन ट्रूडो की साथ में तस्वीर आई थी, जिसके बाद माना जा रहा था कि यह दोनों रिश्तों में जमीं बर्फ पिघलने की शुरुआत हो सकती है। हालांकि, इस मुलाकात के अगले दिन ही ट्रूडो सरकार ने भारत आने वाले यात्रियों की सुरक्षा जांच को बढ़ा दिया। इस वजह से यात्रियों को एयरपोर्ट पर कड़ी सुरक्षा जांच से होकर गुजरना पड़ रहा है। कनाडाई न्यूज एजेंसी CBC के मुताबिक अधिकारियों ने सुरक्षा जांच बढ़ाने की वजह नहीं बताई
गुरुद्वारे से निकलते हुए निज्जर की हत्या हुई थी
18 जून, 2023 की शाम को सरे शहर के एक गुरुद्वारे से निकलते समय निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने भारत सरकार पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने खारिज किया था। इसके बाद दोनों देशों के आपसी रिश्तों में तल्खी काफी ज्यादा बढ़ गई थी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आरोप लगाया था कि कनाडा उन लोगों को वीजा देता है जो भारत में वांटेड हैं। उन्होंने कहा था, 'पंजाब में संगठित अपराधों से जुड़े लोगों का कनाडा में स्वागत किया जाता है।' वहीं, कनाडा की संसद ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के एक साल पूरे होने पर उसे श्रद्धांजलि दी थी। इसके लिए संसद में एक मिनट का मौन रखा गया था।