विभिन्न क्षेत्रों में लगातार उपलब्धियों के क्रम को जारी रखते हुए छत्तीसगढ़ ने स्वच्छता के मामले में भी बड़ी उपलब्धि अपने नाम की है। वर्ष 2019 और वर्ष 2020 के बाद लगातार तीसरी बार छत्तीसगढ़ स्वच्छता में अव्वल होने का गौरव हासिल किया है। सफाई मित्र सुरक्षा चुनौती-2021 श्रेणी में बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट का अवार्ड का खिताब छत्तीसगढ़ के नाम रहा। वहीं विभिन्न श्रेणियों में दिए जाने वाले 239 पुरस्कारों में से सर्वाधिक 67 निकायों को पुरस्कार प्राप्त हुए। इन पुरस्कारों को राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद द्वारा 20 नवंबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रदान किया गया। छत्तीसगढ़ की ओर से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रपति श्री कोविंद के हाथों स्वच्छतम् राज्य का अवार्ड ग्रहण किया। इस समारोह में आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप पुरी, राज्य मंत्री कौशल किशोर मौजूद थे। यह आयोजन भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के भाग के रूप में किया गया था। स्वच्छ राज्यों में अग्रणी रहने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इसके लिए राज्य की जनता को श्रेय दिया है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि, छत्तीसगढ़ की पौने तीन करोड़ जनता की स्वच्छता के प्रति जागरुकता और सजगता का ही परिणाम है कि लगातार तीसरे साल छत्तीसगढ़ ने स्वच्छता का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है। उन्होंने कहा, ‘मैं विशेष रूप से राज्य की महिलाओं को इसका श्रेय देना चाहूंगा, जिन्होंने शहरों से लेकर गांवों तक स्वच्छता की एक नयी संस्कृति का निर्माण किया है।’ छत्तीसगढ़ देश का ऐसा एकमात्र प्रदेश है, जहां नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी के सिद्धांतों के अनुरूप नौ हजार से अधिक स्वच्छता दीदीयों द्वारा घर-घर से 16 सौ टन गीला एवं सूखा कचरा एकत्रीकरण करते हुए वैज्ञानिक रीति से कचरे का निपटान किया जा रहा है। इसका ही परिणाम है कि भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को देश का प्रथम ओडीएफ प्लस-प्लस राज्य घोषित किया गया है।
बता दें कि भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा प्रति वर्ष देश के सभी शहरों एवं राज्यों के मध्य स्वच्छ सर्वेक्षण कराया जाता है। इसमें आंकलन के लिए विभिन्न मापदंड निर्धारित किए गए हैं। इनमें से मुख्य रूप से घर-घर से कचरा एकत्रीकरण, कचरे का वैज्ञानिक रीति से निपटान, खुले में शौच मुक्त शहर, कचरा मुक्त शहर जैसी श्रेणियां शामिल हैं। इन्हीं मापदंडों के आधार पर रैंकिंग की जाती है और रैंकिंग के आधार पर शहरों और राज्यों का प्रदर्शन तय होता है। उत्कृष्टता प्राप्त करने वाले शहर और राज्य को उसकी श्रेणी के आधार पर पुरस्कृत किया जाता है। इस बार नई दिल्ली में हुए स्वच्छता पुरस्कार समारोह में मुख्यमंत्री श्री बघेल के साथ ही छत्तीसगढ़ की ओर से नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, विभागीय सचिव अलरमेलमंगई डी., आवासीय आयुक्त सुश्री एम. गीता, स्वच्छ भारत मिशन के डायरेक्टर श्री सौमिल रंजन चौबे समारोह में शामिल हुए।
इन श्रेणियों में मिले पुरस्कार :
एक ओर जहां छत्तीसगढ़ को बेस्ट स्टेट का अवार्ड मिला तो वहीं छत्तीसगढ़ के 67 निकायों को विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार मिले। इनमें अंबिकापुर को सेल्फ सस्टेनेबल स्माल सिटी (एक लाख से तीन लाख आबादी में श्रेणी द्वितीय), रायपुर को फास्टर मूवर स्टेट कैपिटल, भिलाई-चरोदा को क्लीनेस्ट सिटी (50 हजार से एक लाख आबादी में श्रेणी प्रथम), बीरगांव को इनोवेशन एंड बेस्ट प्रैक्टिसेस (50 हजार से एक लाख आबादी में श्रेणी चौथा स्थान), चिरमिरी को बेस्ट सेल्फ सस्टेनेबल सिटी, भाटापारा को फास्टेस्ट मूवर सिटी (50 हजार से एक लाख आबादी में श्रेणी द्वितीय), कवर्धा को क्लीनेस्ट सिटी (25 हजार से 50 हजार आबादी में श्रेणी प्रथम), बेमेतरा को इनोवेशन एंड बेस्ट प्रैक्टिसेस, जशपुर नगर को बेस्ट सेल्फ सस्टेनेबल सिटी (25 हजार से 50 हजार आबादी में श्रेणी द्वितीय), दीपिका को फास्टेस्ट मूवर सिटी (25 हजार से 50 हजार आबादी में श्रेणी तृतीय), पाटन को क्लीनेस्ट सिटी (25 हजार से कम आबादी में श्रेणी प्रथम), दोरनापाल को बेस्ट सिटी इन सिटीजन फीडबैक, चंद्रपुर को इनोवेशन एंड बेस्ट प्रैक्टिसेस, उतई को बेस्ट सेल्फ सस्टेनेबल सिटी (25 हजार से कम आबादी में श्रेणी पांचवा स्थान) एवं अभनपुर को फास्टेस्ट मूवर सिटी (25 हजार से कम आबादी की श्रेणी) में पुरस्कार प्रदान किए गए हैं।
स्टार कैटेगरी में 46 शहर शामिल :
स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान रैंकिंग के आधार पर शहरों को तीन और पांच सितारा (3 एंड 5 स्टार कैटेगरी) श्रेणी में भी रखा गया है। इसमें छत्तीसगढ़ के दो शहर अंबिकापुर और पाटन को पांच सितारा श्रेणी में शामिल किया गया है तो वहीं 44 अन्य शहरों को 3 सितारा रैंकिंग दी गई है।
छत्तीसगढ़ ने 6-आर (6-R) पॉलिसी पर किया काम :
स्वच्छता के लिए काम करने के दौरान छत्तीसगढ़ ने जहां स्वच्छता अभियान को नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी जैसी महत्वाकांक्षी योजना से जोड़ा तो वहीं 6-आर (6-R) पॉलिसी को अपनाया। छत्तीसगढ़ में 6-आर (6-R) पालिसी के लिए रीथिंक, रियूज, रिसाइकिल, रिपेयर, रिड्यूस और रिफ्यूज को आधार बनाकर काम किया गया। इसका परिणाम यह रहा कि अपशिष्ट बनने की मात्रा में कमी हुई और अपशिष्टों को उचित प्रबंधन हुआ। दूसरी ओर सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालय बनाए गए, जिससे ओडीएफ में भी मदद मिली। इधर गोधन न्याय योजना भी ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्रों में सफाई के साथ आमदनी बढ़ाने में मददगार बनी।