राजनांदगांव । छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस प्रसंग पर पुनर्गठित छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति जिला इकाई द्वारा नगर-निगम सभागार में दीपावली मिलन व शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लोक कला साहित्य व छत्तीसगढ़ी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वालों का सम्मान किया गया ।
जिले भर के कवि/ साहित्यकारों व दुर्ग भिलाई, रायपुर से पधारे साहित्यिक अतिथियों की उपस्थिति में आयोजित इस गरिमा मयी कार्यक्रम की मुख्य अतिथि महापौर श्रीमती हेमा देशमुख थी। अध्यक्षता शहर कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर छाबड़ा ने की। छत्तीसगढ़ी राज्य गीत ‘अरपा पैरी के धार’ के गान के साथ प्रारंभ हुए इस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्रीमती देशमुख ने कहा कि छत्तीसगढ़ी की अपनी अलग पहचान है छत्तीसगढ़ की अपनी बोली व भाखा है। सही मायनों में छत्तीसगढ़ राज भाषा की पहचान यहां के कवि/ साहित्यकार ही बचाए व बनाए रखे हुए है।
यहां के लोक कलाकार देश और विदेशों में लोक कला की परचम लहरा रहे है और हमारी लोक कला संस्कृति को प्रसिद्धि दिला रहे है। उन्होंने इस अवसर पर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा तुलसी सम्मान से सम्मानित सुप्रसिद्ध लोक वादक बांस वादक विक्रम यादव (खैरा) व भोपाल में आंचलिक साहित्य सम्मान से सम्मानित डॉ. पीसी लाल यादव (गंडई) को शाल श्रीफल, स्मृति चिहन व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया और कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री बघेल (कका) के रहते लोक कला साहित्य व संस्कृति का उन्नयन व संवर्धन होने में कोई कमी नहीं होगी ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शहर कांग्रेस से अध्यक्ष कुलबीर छाबड़ा ने छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति की रचनात्मक गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ी भाखा हमारे रग-रग में रची-बसी हुई है। रायपुर आकाशवाणी से प्रसारित होने वाले सुमधुर छत्तीसगढ़ी गीतों को सुन-सुन कर वे बड़े हुए है। रामायण स्पर्धा के कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी में सम्बोधन करते हुए हमें गर्व होता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लोक कला, संस्कृति पर्व त्यौहार व छत्तीसगढ़ी व्यंजनों को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।
कार्यक्रम के आरंभ में आचार्य सरोज द्विवेदी ने अतिथियों के साथ मा शारदे की पूजा-अर्चना की और सभी को छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस व दीप पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व मंत्री धनेश पाटिला व राजगामी सम्पदा के अध्यक्ष विवेक वासनिक ने उपरोक्त आतिथियों सहित पुनर्गठित साहित्य समिति के पदाधिकारियों को एवं दीपावली सहित शपथ ग्रहण पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी । श्री वासनिक ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल स्वयं छत्तीसगढिय़ा व किसान पुत्र है तथा वे छत्तीसगढ़ी कला संस्कृति से प्रभावित है और इसे बढ़ावा देने के लिए उन्होंने कला विकास प्राधिकारण का गठन किया है। इस माध्यम से वे यहां की कला व संस्कृति को संस्कृति से प्रकृति की और ले जाने के लिए प्रयासरत है।
विशिष्ट अतिथि व छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के सचिव डॉ. अनिल भतपहरी ने छत्तीसगढ़ी से सम्बंधित विषयों पर विस्तार से चर्चा की और कहा कि सभी साहित्य धर्मियों को छत्तीसगढ़ी में गद्यात्मक रचना के लिए प्रवृत होना जरूरी है ताकि छत्तीसगढ़ी साहित्य और भी पोठ हो। इसी तरह विशेष अतिथि डॉ. जे.आर. सोनी ने भी कहा कि छत्तीसगढ़ी कविताए अब बहुत हो चुकी अब हमें कहानी, उपन्यास रिपोर्ताज संस्मरण लघु कथा (कंथली) आदि की रचनाओं की ओर प्रवृत होना है।
दोनों अतिथियों सर्वप्रथम-छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति के जिला अध्यक्ष आत्माराम कोशा ‘अमात्य’ का शपथ ग्रहण कराया तत्पश्चात इनके स्वागत उपरांत समिति के सचिव लखन लाल साहू ‘लहर’, उपाध्यक्ष गिरीश ठक्कर ‘स्वर्गीय’, विरेन्द्र तिवारी ‘वीरू’, डॉ. इकबाल खान, महेन्द्र बघेल ‘मधु’, गजेन्द्र हरिहारणो ‘दीप’, कोषाध्यक्ष शेर सिंह गोडिय़ा, संयोजक ओमप्रकाश ‘अंकुर’, मीडिया प्रभारी यूनूस ‘अजनबी’, अंकालू साहू सहित अन्य पदाधिकारियों को शपथ दिलाया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्रीमती सरला शर्मा ने छत्तीसगढ़ के दुलरवा कवि लक्ष्मण मस्तुरिया द्वारा रचित गीत ‘बखरी के तुमानार’ का एक नई तरह से व्याख्या करते हुए इसका संबंध महायोगी भगवान शिव व मॉ पार्वती से की इससे लोग प्रभावित हुए बिना नहीं रहे।
यहां के दानवीर बैरागी राजा की त्याग वृत्ति व दानशीलता का गुनगान करते हुए समाज सेवी एवं अधिवक्ता श्रीमती शारदा तिवारी ने जैन समाज के लोगों के सांसारिक जीवन के त्याग को संस्कारधानी नाम को सार्थकता देने वाला बताया । इस अवसर पर सभी उपस्थित अतिथियों ने छत्तीसगढ़ी को रोजगारमूलक तथा कामकाज की भाषा बनाए जाने की वकालत की।
दो सत्रों में चले इस कार्यक्रम को डॉ. पी.सी. लाल यादव ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर डॉ. अनिल भतपहरी की अध्यक्षता में काव्य गोष्ठी आयोजित रही जिसमें हास्य/ व्यंग्य के कवि पद्म लोचन शर्मा, ‘मुहफट’ कवयित्री श्रीमती चेतना साहू, माला गौतम, गजेन्द्र हरिहारणो ‘दीप’ आनंद राम सार्वा, रोशन साहू, बलराम सिन्हा, तारिक साहिल, राजकुमार चौधरी इकबाल खान, शेर सिंह गोडिय़ा, ओमप्रकाश अंकुर आदि ने काव्य पाठ किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप साहित्यकार कुबेर सिंह साहू, बंशीलाल गुरूजी, दिनेश पांडे, संतुराम गंजीर, सचिन थनवार निषाद, संतोष निर्मलकर पवन यादव ‘पहुना’, उत्तम कुमार साहू, कृष्ण कुमार सोनी (कटाक्ष) सहित बड़ी संख्या में कवि/ साहित्यकार एवं लोक कला-संस्कृतिके अनुरागी उपस्थित थे। कार्यक्रम का सरस संचालन लखन लाल साहू ‘लहर’ व गजेन्द्र हरिहारणों ‘दीप ने किया’ उपस्थितों का आभार प्रदर्शन उपाध्यक्ष गिरीश ठक्कर ‘स्वर्गीय’ ने किया । उक्ताशय की जानकारी साहित्य समिति के संयोजक ओमप्रकाश साहू ‘अंकुर’ ने दी ।