तेल अवीव: इजरायल के लेबनान में भीषण हवाई हमले में हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की हत्या ने क्षेत्र में तनाव को काफी बढ़ा दिया है। हमले के बाद इजरायल और लेबनानी गुट हिजबुल्लाह के बीच पूर्ण युद्ध का अंदेशा बढ़ गया है। इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष छिड़ा तो ईरान और अमेरिका भी इससे बाहर नहीं रहेंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि अब चीजें किस तरफ जाएंगी। खासतौर से हिजबुल्लाह, ईरान और इजरायल का अगला कदम क्या होगा।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, हालिया घटनाक्रम में सबसे ज्यादा नुकसान हिजबुल्लाह ने उठाया है। ऐसे में सवाल है कि एक के बाद एक झटके झेल रहा ये गुट अब क्या करेगा। हिजबुल्लाह के ज्यादातर कमांडरों की हत्या कर दी गई है और उसके कम्युनिकेशन सिस्टम पेजर और वॉकी-टॉकी को भी तहस-नहस कर दिया गया है। ऐसे में हिजबुल्लाह के सामने फिर से उठ खड़े होने और इजरायल को जवाब देने की चुनौती है।
'हिजबुल्लाह हार नहीं मानेगा'
अमेरिका स्थित मध्य पूर्व सुरक्षा विश्लेषक मोहम्मद अल-बाशा का मानना है कि हसन नसरल्लाह की मौत हिजबुल्लाह के लिए बड़ा नुकसान है। इससे ये गुट अस्थिरता का शिकार होगा और इसकी राजनीतिक और सैन्य रणनीतियों में भी बदलाव आएगा। हालांकि ये ऐसी उम्मीद करना गलत है कि ये कि गुट अचानक से अपनी हार मान लेगा।एक्सपर्ट का मानना है कि हिजबुल्लाह लड़ाई जारी रखेगा ना कि इजराइल की शर्तों पर किसी समझौता को मान लेगा। हिजबुल्लाह के पास हजारों लड़ाके हैं और हथियारों का बड़ा जखीरा है। उसके पास ऐसी मिसाइल और रॉकेट हैं, जो इजरायल के तेल अवीव और दूसरे शहरों तक पहुंच सकते हैं। हिजबुल्लाह दबाव बढ़ने पर इनका इस्तेमाल कर सकता है।ईरान आगे क्या करेगा?
हसन नसरल्ला की हत्या ईरान के लिए उतना ही बड़ा झटका है, जितना हिजबुल्लाह के लिए है। ईरान ने इस हत्या पर कड़ी प्रतिक्रिया भी दी है। इससे पहले जुलाई में तेहरान में हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या भी ईरान के लिए शर्म की वजह बनी थी। ईरान पर इजरायल के बढ़ते हमले ईरान सरकार को प्रतिक्रिया के लिए मजबूर कर सकते हैं।
ईरान के पास पश्चिम एशिया में कई गुट हैं। इनमें हिजबुल्लाह के अलावा यमन में हूती हैं। सीरिया और इराक में भी ईरान के पास मिलिशिया हैं। ईरान इन समूहों से अपने क्षेत्रों में इजरायल और अमेरिकी ठिकानों पर अपने हमले तेज करने के लिए कह सकता है।