कोरबा कोरबा जिला कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने वर्तमान में ग्रीष्म ऋतु व बढ़ती गर्मी को देखते हुए चौक-चौराहों, ज्यादा आवा-जाही वाले क्षेत्रों, सार्वजनिक स्थानों आदि में प्याऊ खोलने के निर्देश निगम को दिए हैं। आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय ने बताया कि कलेक्टर के निर्देशानुसार निगम क्षेत्र में लगभग 50 स्थानों पर प्याऊ संचालित कराने की व्यवस्था कराई जा रही है।
ग्रीष्म ऋतु का आगाज हो चुका है तथा क्रमशः तापमान बढ़ रहा है, गर्मी के इस मौसम में राहगीरों, जरूरतमंदों व आम नागरिकों को ठंडा व शुद्ध पेयजल सुगमता के साथ मिल सके, इसके मद्देनजर कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने विभिन्न चौक-चौराहों, ज्यादा आवाजाही वाले क्षेत्रों, मुख्य मार्गो, रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड सहित आवश्यकतानुसार अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों में प्याऊ की व्यवस्था किए जाने के निर्देश निगम को दिए हैं। आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय ने बताया कि नगर पालिक निगम कोरबा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर लगभग 50 प्याऊ संचालित कराए जाएंगे, जिनकी व्यवस्था की जा रही है।
* मवेशियों पर होगा नियंत्रण कार्य
आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय ने कहा कि शहर के मुख्य मार्गो, चौक-चौराहों आदि में स्वच्छंद रूप से विचरण करने वाले मवेशियों के कारण आवागमन बाधित होता है, दुर्घटना की संभावना बनती है तथा आवा-जाही करने वाले आम नागरिकों को अनावश्यक असुविधा होती है, इसके मद्देनजर कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने मवेशियों के नियंत्रण संबंधी कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होने कहा कि इस संबंध में निगम अमला त्वरित रूप कार्यवाही प्रारंभ करेगा तथा सड़कों पर विचरण करने वाले मवेशियों को सुरक्षित उठाकर कांजी हाउस या गौठान में पहुंचाया जाएगा, जहॉं पर उनके आहार, पेयजल आदि की समुचित व्यवस्था भी सुनिश्चित कराई जाएगी।
* मवेशियों को सुरक्षित घर पर रखें, सड़कों पर खुला न छोड़े
आयुक्त श्री प्रभाकर पाण्डेय ने नगर के पशुपालकों, दुध डेयरी संचालकों से कहा है कि वे अपने मवेशियों को घर पर ही सुरक्षित रूप से रखें, उन्हें स्वच्छंद विचरण हेतु सड़कों पर खुला न छोड़े, मवेशियों के सड़कों पर खुले रूप से विचरण करने से आवागमन बाधित होता है, दुर्घटना की संभावना बनी रहती है, वाहनों की ठोकर से मवेशियों के घायल हो जाने की संभावना भी बनती है तथा आम नागरिकों इससे अनावश्यक परेशानी होती है। उन्होने कहा कि निगम द्वारा इस पर कार्यवाही की जाएगी, मवेशियों को सड़कों से उठाकर कांजी घर पहुंचाया जाएगा तथा निर्धारित शुल्क जमा करने के बाद ही मवेशियों को छोड़ा जाएगा, अतः पशुपालक इससे होने वाली असुविधा से बचे तथा अपने मवेशियों को घर पर ही सुरक्षित रूप से रखें।