कोरबा कोरबा जिला कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने अनुविभाग कटघोरा के अन्तर्गत ग्राम पंडरीपानी में पहुंचकर नर्सरी का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने नर्सरी में सीडलिंग प्लांट यूनिट और बीज, खाद मशीनरी आदि के गोदामों का अवलोकन किया। कलेक्टर श्रीमती साहू ने नर्सरी में सिडलिंग प्लांट के लिए स्थापित किए गए मशीनों के सुचारू रूप से संचालन नहीं होने और खाद-बीज के अव्यवस्थित भंडारण पर नाराजगी जताते हुए उद्यान अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश मौके पर ही दिए।
उन्होंने सीडलिंग यूनिट के परिसर में मिर्च, टमाटर, लौकी आदि के लगाए गए नर्सरी का जायजा लिया तथा सिडलिंग प्लांट यूनिट से एनआरएलएम के माध्यम से समूह की महिलाओं को जोड़कर फसल उत्पादन करने की कार्य योजना भी बनाने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्रीमती साहू ने कटघोरा प्रवास के दौरान ग्राम तेलसरा के आंगनबाड़ी केन्द्र का भी औचक निरीक्षण किया। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्र में पहुंचकर बच्चों और उनकी माताओं से मुलाकात की। कलेक्टर ने आंगनबाड़ी में आये हितग्राहियों को सुपोषण टोकरी का भी वितरण किया।
उन्होंने केन्द्र प्रभारी से कुपोषित बच्चों की जानकारी ली। साथ ही बच्चों को सुपोषित करने की कार्य योजना के बारे में भी पूछा। कलेक्टर श्रीमती साहू ने इस दौरान 6 माह की शिशु काव्या और वेदांत को अन्नप्राशन भी कराया। उन्होंने केन्द्र में आये बच्चों को बिस्किट और चाकलेट का वितरण किया।
कलेक्टर ने तेलसरा में निर्माणाधीन नवीन आंगनबाड़ी भवन के कार्य को जल्द पूरा करने के भी निर्देश दिए। इस दौरान जिला पंचायत के सीईओ नूतन कंवर, एसडीएम कटघोरा कौशल प्रसाद तेन्दुलकर, जनपद पंचायत कटघोरा के सीईओ व्ही.के. राठौर सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
* कलेक्टर ने मनरेगा से बन रहे कुआं का किया निरीक्षण
कलेक्टर श्रीमती साहू ने ग्राम तेलसरा में मनरेगा के माध्यम से श्रीमती मतबाई के बाड़ी में बन रहे कुएं का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कुआं निर्माण कार्य की जानकारी और निर्माण पूर्ण होने की अवधि के बारे में भी पूछा। कलेक्टर ने हितग्राही श्रीमती मतबाई से भी बात की।
उन्होंने कुआं निर्माण के पश्चात कुएं के पानी के उपयोग के बारे में पूछा। हितग्राही ने मनरेगा के माध्यम से निःशुल्क बन रहे कुएं के पानी का उपयोग सब्जी और फसल उत्पादन में करने की जानकारी दी। उन्होने कलेक्टर को बताया कि कुंआ निर्माण के लिए पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ी। मनरेगा के माध्यम से निःशुल्क में कुआं का निर्माण हो रहा है। साथ ही कुआं निर्माण में लगे मजदूरों को मनरेगा के माध्यम से काम भी मिल रहा है।