पेरिस से वतन लौटी विनेश फोगाट के वेलकम प्रोग्राम में रेसलर बजरंग पूनिया विवादों में आ गए। विनेश फोगाट की स्वागत के लिए लाई गई जीप पर तिरंगे के पोस्टर लगे हुए थे। इस दौरान बजरंग पूनिया जीप के बोनट पर चढ़ गए और उनके पैर के नीचे तिरंगे का पोस्टर आ गया।
वीडियो वायरल होते ही बजरंग ट्रोल होने लगे। सोशल मीडिया प्लेटफार्म (X) पर यूजर सुधीर मिश्रा ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'तिरंगे पर पैर रखे खड़ा है, लेकिन कोई कुछ नहीं कहेगा... यह तिरंगा से भी बड़ा है, क्योंकि ये खिलाड़ी रहा है। बजरंग पूनिया को नेता बनने की कितनी जल्दी है? इस व्यक्ति को तिरंगा भी नहीं दिखता।'
बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे
पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण पर महिला रेसलर्स के यौन शोषण के आरोप लगाए थे। इसको लेकर बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक की अगुआई में आंदोलन हुआ। पहलवानों ने पहले जंतर-मंतर पर धरना दिया, इसके बाद उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए और दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर केस दर्ज किया। इस मामले की कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
WFI चुनाव को लेकर लौटाया था पद्मश्री अवॉर्ड
इसके बाद WFI के चुनाव हुए तो बृजभूषण के करीबी संजय सिंह अध्यक्ष चुने गए। जिसके बाद बजरंग पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखकर पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया। इस चिट्ठी में बजरंग ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष के पद पर बृजभूषण के करीबी संजय सिंह की जीत का विरोध जताया। साक्षी मलिक ने भी कुश्ती से संन्यास ले लिया।
बजरंग ने बिना ट्रायल दिए खेला था एशियन गेम्स
बजरंग पूनिया को पिछले साल चीन के हांगझोउ एशियन गेम्स के सेमीफाइनल मैच में हार मिली थी। इतना ही नहीं, ब्रॉन्ज मेडल मैच में भी बजरंग को जापानी पहलवान के. यामागुची ने 10-0 से हरा दिया था। उनकी हार के बाद सोशल मीडिया पर कई लोग भड़क उठे थे, क्योंकि एशियन गेम्स में भाग लेने से पहले उन्होंने किसी प्रतिस्पर्धी मुकाबले में हिस्सा नहीं लिया था। उन्हें ट्रायल के बिना इन खेलों के लिए भारतीय दल में शामिल करने की भी आलोचना हुई थी।
कॉमनवेल्थ गेम्स- 2022 में जीता था गोल्ड
बजरंग पूनिया ने टोक्यो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता। पुरुषों की फ्री स्टाइल 65 किलो भारवर्ग के फाइनल में बजरंग पूनिया ने कनाडा के एल. मैकलीन को 9-2 से मात दी थी। बजरंग पूनिया का यह कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार दूसरा गोल्ड एवं ओवरऑल तीसरा मेडल था, हालांकि उस गोल्ड मेडल जीत के बाद वह कुछ खास नहीं कर पाए।