नई दिल्ली: भारतीय टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मुंह को खानी पड़ी। मेहमान टीम ने रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टेस्ट टीम को 3-0 से हराया और पहली बार ऐसा हुआ कि भारतीय टीम अपने घर में किसी टेस्ट सीरीज में वाइटवॉश के लिए मजबूर हुई। यह बात न केवल कप्तान रोहित शर्मा को अखरती दिखी, बल्कि इससे पूर्व क्रिकेटरों का एक बड़ा धड़ा गुस्से में आ गया। महान सुनील गावस्कर, अनिल कुंबले, हरभजन सिंह, रवि शास्त्री सहित तमाम दिग्गजों ने अपना गुस्सा जाहिर किया तो रॉबिन उथप्पा ने अब टीम इंडिया के इतर चेन्नई सुपर किंग्स को खूब सुनाया।
चेन्नई सुपर किंग्स में एमएस धोनी की कप्तानी में खेल चुके रॉबिन उथप्पा ने अपनी फ्रेंचाइजी को याद दिलाया कि आप कितने भी बड़े दिलवाले क्यों न हों, लेकिन जब बात देश की आती है तो देश पहली प्रायोरिटी पर होगा। दरअसल, चेन्नई सुपर किंग्स ने अपने पुराने खिलाड़ी रचिन रविंद्र को चेन्नई की अकैडमी में ट्रेनिंग करने की छूट दी। न्यूजीलैंड को अफगानिस्तान के खिलाफ इकलौता टेस्ट ग्रेटर नोएडा में खेलना था उससे पहले रचिन रविंद्र ने चेन्नई में खूब पसीने बहाए।
अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट तो बारिश की वजह से नहीं हो सका, लेकिन रचिन रविंद्र ने चेन्नई में सीखकर टीम इंडिया को खूब नुकसान पहुंचाया। 24 साल के भारतीय मूल के इस खिलाड़ी न बेंगलुरु टेस्ट में 157 गेंदों में 134 रनों की पारी खेली, जबकि दूसरी पारी में नाबाद 39 रन बनाए। इस मैच की पहली पारी में भारतीय टीम सिर्फ 46 रनों पर ढेर हो गई थी।
रचिन रविंद्र ने बातों ही बातों में बताया कि चेन्नई में CSK की अकैडमी में की गई ट्रेनिंग ने उन्हें इस प्रदर्शन के लिए काफी मदद की। अब रॉबिन उथप्पा ने सवाल उठाया है कि कैसे कोई टीम अपने देश के खिलाफ सीरीज से पहले किसी विदेशी खिलाड़ी को प्रैक्टिस करने की अनुमति दे सकती है। यह तो देश के खिलाफ भावना जैसा मामला है।
उथप्पा ने अपने यूट्यूब चैनल पर खुलेआम आलोचना करते हुए कहा- रचिन रविंद्र यहां आए और CSK की अकैडमी में प्रैक्टिस की। इसमें कोई शक नहीं कि चेन्नई सुपर किंग्स अच्छी फ्रेंचाइजी है और अपने प्लेयर्स की मदद के लिए हमेशा आगे आती है, लेकिन उसे एक रेखा खींचनी होगी जहां देश का हित आपके फ्रेंचाइजी खिलाड़ियों से आगे आता है। खासकर जब वह एक विदेशी खिलाड़ी हो और हमारे देश के खिलाफ खेलने आए।
2021 और 2022 सीजन में CSK के लिए खेल चुके उथप्पा ने कहा कि फ्रेंचाइजी हमेशा अपने खिलाड़ियों के लिए हर संभव प्रयास करती है, लेकिन उन्हें कहीं न कहीं एक सीमा खींचनी चाहिए। उन्होंने कहा- मुझे आश्चर्य नहीं है कि CSK हमेशा अपने खिलाड़ियों के लिए हर संभव प्रयास करती है, लेकिन उस दयालुता में कहीं न कहीं, शायद मैं सही बात नहीं कह रहा हूं, मुझे CSK से बेहद प्यार है, लेकिन जब देश की बात आती है, तो कहीं न कहीं एक सीमा होनी चाहिए, जहां हम उस सीमा को पार न करें।
2007 के टी20 विश्व कप विजेता ने बेंगलुरु में रविंद्र के शानदार शतक की भी सराहना की और इसे भारत में किसी विदेशी खिलाड़ी द्वारा खेली गई सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक बताया। रविंद्र ने पुणे में दूसरे टेस्ट की पहली पारी में शानदार 65 रन बनाए। वह छह पारियों में 51.20 की औसत से 256 रन बनाकर सीरीज के दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे और न्यूजीलैंड की भारत पर ऐतिहासिक 3-0 की जीत में अहम भूमिका निभाई।