कोरबा जिले के मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने एसईसीएल गेवरा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले विस्थापित और पुनर्वास ग्रामों में बसाहट की समस्या एवं भू-विस्थापितों के रोजगार और मुआवजे के सवाल पर 11 सूत्रीय मांगों पर आंदोलन करने की घोषणा करते हुए 11 नवंबर को गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव, 25 नवंबर को गेवरा खदान का उत्पादन बंद करने और 16 दिसंबर को रेलवे द्वारा कोल परिवहन को रोका जायेगा।
जारी एक बयान में माकपा जिला सचिव प्रशांत झा तथा छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर और सह सचिव दीपक साहू ने आरोप लगाया कि भू-विस्थापितों की समस्याओं के प्रति एसईसीएल प्रबंधन संवेदनशील नहीं है और इसलिए समस्याओं के निराकरण में भी उसकी कोई रूचि नहीं है।
माकपा के 11 सूत्रीय मांग पत्र में सभी प्रभावित खातेदारों को स्थाई रोजगार देने तथा पुराने लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्काल निराकरण करने, सभी प्रभावितों को वर्तमान दर पर मुआवजा और पूर्ण विकसित बसाहट देने, भू विस्थापित परिवारों के सभी सदस्यों को निःशुल्क शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने, खनन प्रभावित ग्रामों तथा पुनर्वास ग्रामों में पेयजल, तालाब, निस्तारी, बिजली आदि बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने, सभी भू-विस्थापित परिवारों को भू विस्थापित प्रमाण पत्र देने और पुनर्वास ग्राम गंगा नगर में तोड़े गये मकानों और शौचालयों का क्षतिपूर्ति मुआवजा तत्काल दिये जाने की मांगें शामिल है।
माकपा नेता श्री झा ने बताया कि इन मांगों पर एक ज्ञापन एसईसीएल गेवरा महाप्रबंधक को सौंपा गया है और चरणबद्ध आंदोलन के रूप में मुख्यालय घेराव, उत्पादन बंद और रेलवे लाइन जाम की चेतावनी दी गई है। माकपा और किसान सभा ने संयुक्त रूप से भूविस्थापितों की समस्या को लेकर गांव गांव में जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, जय कौशिक, संजय साहू, पुरषोत्तम, देव कुंवर के नेतृत्व में बैठक कर रहे हैं।