नई दिल्ली । एनसीबी ऑफिसर समीर वानखेड़े के पिता ध्यानदेव कचरुजी वानखेड़े ने महाराष्ट्र कैबिनेटन मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में मानहानी का दावा ठोका है। बीते महीने मुंबई क्रूज ड्रग मामले के सामने आने के बाद से ही एनसीबी जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े नवाब मलिक के निशाने पर हैं और मलिक उनपर फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनाने का आरोप तक लगा चुके हैं।
वानखेड़े के वकील, अरशद शेख ने कहा, 'मलिक वानखेड़े परिवार को लगातार फ्रॉड कह रहे हैं और उन्हें मुस्लिम बताकर उनकी धार्मिक मान्यताओं पर सवाल कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि वानखेड़े परिवार के हर सदस्य को रोजाना मलिक फ्रॉड कह रहे हैं और ध्यानदेव वानखेड़े की बेटी यास्मीन के करियर को भी प्रभावित कर रहे हैं, जो पेशे से एक वकील हैं। वानखेड़े के वकील ने कहा है कि मलिक ने वादी और उसके परिवार के सदस्यों के नाम, चरित्र, प्रतिष्ठा और सामाजिक छवि को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है।
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, अर्जी में ध्यानदेव ने मलिक, उनके पार्टी के सदस्यों और उनके निर्देशों पर काम करने वाले बाकी सभी पर उनके या उनके परिवारवालों के लिए कुछ भी लिखने और मीडिया में बोलने से रोकने के लिए आदेश की मांग की है। अंतरिम राहत के तौर पर ध्यानदेव ने अपने और परिवार के खिलाफ लिखे गए आर्टिकलों, ट्वीट्स, इंटरव्यूज को डिलीट करने के आदेश देने की भी मांग की है।
इस अर्जी में यह भी कहा गया है कि वानखेड़े परिवार के खिलाफ यह पूरा मामला मलिक के दामाद की इस साल जनवरी में हुई गिरफ्तारी के बाद ही शुरू हुआ। ध्यानदेव ने मलिक से हर्जाने के तौर पर 1.25 करोड़ रुपये की मांग भी की है। वानखेड़े ने यह अर्जी छुट्टियों के दौरान दर्ज कराई है। इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई होगी। बता दें कि आज नवाब मलिक ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का ऐलान किया है।