नई दिल्ली । टीम इंडिया इस समय परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। विराट कोहली की जगह रोहित शर्मा को टी20 और वनडे टीम का कप्तान बनाया गया है। उससे पहले रवि शास्त्री टी20 वर्ल्ड कप 2021 के बाद टीम इंडिया से अलग हो गए थे। शास्त्री का मुख्य कोच के तौर पर पहला कार्यकाल 2017 में शुरू हुआ जिसके बाद 2019 में उन्हें फिर से नियुक्त किया गया। अब उनकी जगह राहुल द्रविड़ ने टीम इंडिया के मुख्य कोच की कमान संभाली है।
शास्त्री और कोहली जोड़ी ने तीनों फार्मेट में धमाल मचाया लेकिन आईसीसी ट्रॉफी जीतने में नाकाम रहे। शास्त्री ने अपने बतौर कोच अपने कार्यकाल को याद करते हुए एक सनसनीखेज खुलासा किया है। शास्त्री कहना है कि कुछ लोग ने उन्हें भारतीय टीम का कोच नहीं बनना देना चाहते थे।
रवि शास्त्री ने एक मीडिया इंटरव्यू में कहा, अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान, मैं एक बड़े विवाद में उलझ गया था और यह सचमुच उन लोगों के चेहरे पर अंडा था, जो मुझे इस जिम्मेदारी से दूर करना चाहते थे। उन्होंने किसी को चुना और 9 महीने बाद, वे उसी आदमी के पास वापस आ गए जिसे उन्होंने बाहर फेंक दिया था। उन्होंने आगे कहा कि यह वही लोग थे जो नहीं चाहते थे कि भरत अरुण कोचिंग स्टाफ में आए।
शास्त्री ने इसे लेकर कहा, 'हां वे मुझे भरत अरुण को गेंदबाजी कोच भी नहीं देना चाहते थे और आज जब मैं पीछे देखता हूं तो लगता कि कैसे चीजें बदलीं। वो गेंदबाजी कोच के रूप में जिस शख्स को नहीं चाहते थे। उनकी भूमिका इस रोल में शानदार रही। मैं लोगों पर कोई उंगली नहीं उठा रहा हूं। लेकिन कुछ खास लोग थे। मैं जरूर कहूंगा कि उन्होंने पूरी कोशिश कि मैं टीम इंडिया का हेड कोचना बनूं।
लेकिन यही जिंदगी है।' रवि शास्त्री के कार्यकाल में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को उसी की सरजमीं पर दो बार टेस्ट सीरीज में मात देने में सफल रही है। इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। वहीं घर पर भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अजेय रही। उनके कार्यकाल के दौरान भारत ने दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में टी20 सीरीज जीती। पिछले चार सालों में भारत की बेंच-स्ट्रेंथ भी कई गुना बढ़ गई है।
शास्त्री की कार्यकाल में टीम इंडिया ने कुल 43 टेस्ट मैच खेले जिसमें 25 में जीत हासिल की और 13 गंवाया। 5 मैच ड्रॉ रहे। वनडे की बात करें तो टीम इंडिया ने 79 मुकाबले खेले जिसमें 53 में जीत मिली और 23 में टीम हारी। दो मैच टाई हुआ और एक बेनतीजा रहा। टी20 की बात करें तो 68 मैच खेलकर भारत को 44 में जीत मिली और 20 में टीम हारी। 2 मैच टाई हुए और दो बेनतीजा रहे।