राजकोट में भारत के लिए विकेटकीपर बल्लेबाज ध्रुव जुरेल और बैटर सरफराज खान ने डेब्यू किया। भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा मुकाबला राजकोट के निरंजन शाह स्टेडियम में खेला जा रहा है। ध्रुव जुरेल को विकेटकीपर केएस भरत की जगह और सरफराज खान को केएल राहुल की गैरमौजूदगी में प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया है।
ध्रुव जुरेल के पिता नेम सिंह जुरेल ने बेटे के डेब्यू पर मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में जाकर पूजा की। वहीं सरफराज खान के पिता भावुक हो गए। वह राजकोट में स्टेडियम में मौजूद थे। बेटे के डेब्यू के नाम की घोषणा के बाद उनकी आंखे नम हो गईं।
सरफराज ने पिता को लगाया गला
मुंबई से रणजी खेलने वाले सरफराज खान डेब्यू कैप मिलने के बाद भावुक हो गए। वह ग्राउंड में मौजूद अपने पिता नौशाद खान और परिवार से मिल कर भावुक हो गए और उन्हें गले लगा लिया।
सरफराज के पिता भी क्रिकेटर रहे हैं। वह यूपी के आजमगढ़ से क्रिकेट खेलने के लिए मुंबई पहुंचे थे। हालांकि, उन्हें देश के लिए खेलने का सपना पूरा नहीं हो सका। ऐसे में उन्होंने अपने बेटों को क्रिकेटर बनाने का सपना देखा। सरफराज के भाई मोईन खान और मुशीर खान भी क्रिकेटर हैं। मुशीर खान हाल ही में साउथ अफ्रीका में संपन्न हुई अंडर-19 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया से खेले।
बेटे के बेहतर करियर के ध्रुव के पिता ने की प्रार्थना
ध्रुव जुरेल के पिता नेम सिंह जुरेल ने दैनिक भास्कर को बताया कि वह बेटे के डेब्यू से खुश हैं। बेटा देश के लिए खेले और पहले मैच में बेहतर करे। वह बेटे के लिए प्रार्थना करने के लिए सुबह ही वह मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में गए थे। उन्होंने बताया कि मंदिर से बाहर निकलने के बाद उन्होंने टीम लिस्ट देखी, तो उसमें बेटे का नाम देखकर वह भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि ध्रुव देशवासियों और टीम की उम्मीदों पर खरा उतरें।
ध्रुव को पहले दो मैचों के लिए शामिल किया गया था टीम
ध्रुव जुरेल को शुरुआत दो मैचों के लिए टीम में रखा गया था। बाद में उन्हें बाकी के तीन मैचों के लिए टीम में बैकअप विकेटकीपर के तौर पर टीम में शामिल किया गया। पहले दो मैचों में प्लेइंग इलेवन में केएस भरत को मौका मिला। भरत उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सके। जिसके बाद राजकोट में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट में ध्रुव जुरेल को प्लेइंग इलेवन में जगह दी गई है।
ध्रुव ने पिता को बताया था अपना आदर्श
ध्रुव ने बीसीसीआई टीवी को दिए इंटरव्यू में अपने पिता को अपना आदर्श बताया था। उन्होंने इंटरव्यू में कहा कि अगर मुझे राजकोट में डेब्यू कैप मिलती है तो मैं इसे पापा को समर्पित करूंगा। मेरे पिता ही मेरे हीरो हैं। उन्होंने हर समय मेरा साथ दिया है। जब मुझे समझ नहीं आता है कि मुझे क्या करना है तो मैं उनसे बात करता हूं। वह मुझे गाइड करते हैं। इसलिए वह सदैव मेरे हीरो रहेंगे।