चीन में जल प्रलय की आशंका, होगा अरबों डॉलर का नुकसान, तिब्बत में जलवायु परिवर्तन की भीषण मार
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04-06-2024 12:48 PM
बीजिंग: तिब्बत के हिमालयी क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के कारण इलाके में अधिक बारिश और ग्लेशियरों के पिघलने से अतिरिक्त अरबों टन पानी मनोरम दृश्य बनाने वाली कई झीलों के आकार में वृद्धि कर सकता है और इसका खामियाजा चीन को भारी आर्थिक नुकसान के रूप में भुगतना पड़ सकता है। यह दावा अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के एक समूह ने अपने अध्ययन में किया है। अनुसंधानकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि जलमग्न सड़कों के कारण सदी के अंत तक सीधे तौर पर 20 अरब युआन से 50 अरब युआन (2.7 अरब अमेरिकी डॉलर से 6.9 अरब अमेरिकी डॉलर) का आर्थिक नुकसान हो सकता है।प्रतिष्ठित जर्नल 'नेचर जियोसाइंस' में पिछले महीने प्रकाशित शोध पत्र के मुताबिक, इस सदी के अंत में क्विंगहई- तिब्बत पठार के इलाके में स्थित कुछ झीलों का दायरा 50 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा और एक अनुमान के अनुसार इनके जल संग्रह क्षमता में 600 अरब टन से अधिक की वृद्धि होगी। हांगकांग से प्रकाशित 'साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट' ने शोधपत्र के हवाले से सोमवार को खबर दी कि अगर यह पूर्वानुमान सही होता है तो चीन पर इसका भारी आर्थिक असर होगा और नुकसान अरबों अमेरिकी डॉलर का होगा।
अध्ययन के मुताबिक, ''हमारे परिणामों से पता चलता है कि 2100 तक, कम उत्सर्जन परिदृश्य में भी, तिब्बती पठार पर मौजूद 'एंडोर्फिक' झीलों का सतही क्षेत्र 50 प्रतिशत से अधिक (लगभग 20,000 वर्ग किमी या 7,722 वर्ग मील) बढ़ जाएगा और 2020 की तुलना में जल स्तर लगभग 10 मीटर (32 फीट) बढ़ जाएगा।'' एंडोर्फिक झील उन झील को कहा जाता है जिसमें जल संग्रह होता है और पानी बाहर की ओर नहीं बहता जिससे इनमें साल भर पानी रहता है।