पेरिस । यूक्रेन पर रूसी हमले के 30 दिन गुजर जाने के बाद भी जीत नहीं मिलने पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के परमाणु हमला करने का डर बढ़ता जा रहा है। रूसी सेना अपनी महाविनाशक हाइपरसोनिक मिसाइलों से लेकर कई जंगी घातक रॉकेट के जरिए यूक्रेन पर बमों की बारिश कर रही है लेकिन उसे कोई खास सफलता नहीं मिल रही है।
इससे रूस के यूक्रेन की राजधानी कीव पर परमाणु हमला करने का डर सताने लगा है। इसी खतरे को देखते हुए अब नाटो सदस्य फ्रांस ने कई दशक बाद परमाणु बम से लैस अपनी 3 पनडुब्बियों को समुद्र में उतार दिया है। फ्रांसीसी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 30 साल बाद ऐसा पहली बार हो रहा है जब फ्रांस ने अपनी 3 पनडुब्बियों को एकसाथ समुद्र में गश्त के लिए उतारा है।
इससे पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी यूक्रेन युद्ध को देखते हुए अपनी परमाणु सेना को अलर्ट कर दिया था और नाटो देशों को चेतावनी दी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्रांस की टेरियोंफ्लांट क्लास की परमाणु मिसाइलों से लैस 4 में से 2 पनडुब्बियां अपने ठिकाने से निकल चुकी हैं जो अटलांटिक महासागर में स्थायी तौर पर गश्त लगाती रहती हैं।
परमाणु एक पनडुब्बी पहले से समुद्र में मौजूद है। करीब 30 साल पहले शीतयुद्ध के दौरान अंतिम बाद 3 पनडुब्बियों को एक साथ तैनात किया गया था। इस दौरान अमेरिका और सोवियत संघ के बीच मध्यम दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों को लेकर गतिरोध पैदा हो गया था। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि फ्रांस के राष्ट्रपति के सीधे कमांड में आने वाली इन पनडुब्बियों को खतरे को देखते हुए तैनात किया गया है।
परमाणु ऊर्जा से चलने वाली ये सबमरीन दुनिया में कहीं भी जा सकती हैं और महीनों तक पानी के अंदर ही छिपी रहती हैं। फ्रांसीसी सबमरीन के अंदर 16 परमाणु बम से लैस मिसाइलों को ले जाने की क्षमता होती है। ये परमाणु बम 150 किलोटन का होता है। इसकी मारक क्षमता 6000 से लेकर 8000 किमी तक होती है। इस बीच फ्रांसीसी सेना ने हवा से दागे जाने वाली परमाणु मिसाइल का भी सफल परीक्षण करके अपने इरादे साफ कर दिए हैं।